तू धड़कन मैं दिल: Dil Ko Chhoo Jane Wali Prem Kahani

Emotional Love Story: रोहित एक अकेला लड़का था, जो मुंबई की एक बड़ी इंटरनेशनल कंपनी में CEO की पोस्ट पर था। व्यवहार में वो बहुत ही खडूस था, इसलिए उसके दोस्त भी बहुत ही कम थे। हालांकि, रोहित शुरू से ही ऐसा नहीं था पर आज से 7 साल पहले उसकी गर्लफ्रेंड उसे पैसों के लिए छोड़कर गई तो उसका दिल बुरी तरह टूट गया। उसे लगने लगा कि दुनिया की सभी औरते गोल्ड डिगर हैं जो पैसे के लिए कुछ भी कर सकती हैं।

वहीं दूसरी और थी अवनी, एक 32 साल की एक तलाकशुदा महिला जो एक स्कूल में टीचर थी। पति के धोखे के बाद उसने उसे छोड़ दिया और अब उसकी ज़िंदगी की सबसे बड़ी खुशी थी, उसकी 6 साल की बेटी “पिहू”। 

क्या टूटे दिलों फिर जन्म लेगा प्यार?

पीहू बहुत ही छोटी थी, जब अवनी ने अपने पति राज को तलाक दिया था। ऐसे में अक्सर वह  अपने पापा को बहुत मिस करती थी। अपनी हर ड्राइंग में वो एक मम्मी, एक पापा और एक छोटी बच्ची बनाती थी। उसके लिए वह पेंटिंग ही परफेक्ट फैमिली थी। 

एक बार रोहित की कंपनी किसी प्रॉजेक्ट के सिलसले में पीहू के स्कूल गया। लंच का समय था, ऐसे में पीहू खेल रही थी। दौड़ते दौड़ते वह रोहित से जा टकराई। वह गिरने ही वाली थी, की रोहित ने उसे अपनी गोद में पकड़ लिया। 

“सॉरी अंकल!” — पिहू ने कहा।

रोहित ने गुस्से से देखा, पर तभी उसकी नजर पिहू की आँखों में मासूमियत और प्यार देख ठिठक गई। उसने सख्त लहजे में कहा, “ध्यान से चला करो, अभी तुम्हें चोट लग जाती तो” पर उसकी आवाज में वो तल्खी नहीं थी। पीहू ने उसके कठोर दिल पर दस्तक दी थी। पहली मुलाकात में ही पीहू ने उसे अपना दोस्त बना लिया। 

शाम को जब वह अपने बिल्डिंग के पार्क में गया तो उसने पीहू को वहां खेलते हुए देखा। तब रोहित को पहली बार पता चला कि पीहू उसी बिल्डिंग में रहती है। अब वो रोज उससे मिलने लगा, उससे बातें करने लगा। पीहू से बात करके रोहित अपने सारे दुख भूल चुका था। 

पीहू भी हर वक्त बस रोहित अंकल रोहित अंकल ही किया करती रहती थी। वह हमेशा अवनी से कहती, “मम्मी, अगर पापा होते तो वो रोहित अंकल की तरह मुझे रोज खिलाने ले जाते, मेरे लिए चॉकलेट लाते।” 

अपनी बेटी के मुंह से बार बार रोहित का नाम सुनकर उसने सोचा, “ इस रोहित से तो मिलना होगा। न जाने कब यह मेरी बेटी के। इतना करीब आ गया। इससे कहना होगा कि वो पीहू से दूर रहे। वरना वो हमेशा अपने पापा के बारे में सोचती रहेगी।” 

शाम को अवनी ने पीहू से कहा, “बेटा आज आप मुझे भी अपने रोहित अंकल से मिलवाना।” दोनों पार्क में गए, रोहित भी रोज की तरह पीहू से मिलने आया। उसके आते ही पीहू उसके गले लग गई, अवनी दूर से उसे देख रही थी। रोहित ने जब अवनी को देखा तो वह एक पल के लिए रुक गया। पीहू ने बताया कि यह उसकी मां है। 

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दर्द ने जोड़ा अनोखा रिश्ता 

दोनों ने बात करना शुरू किया। रोहित अपने बीते रिश्तों से टूटा हुआ था, और अवनी भी पहले ही बहुत कुछ झेल चुकी थी। लेकिन जब दोनों ने अपने ज़ख्मों की बातें की, तो उन्हें एहसास हुआ कि दर्द उन्हें जोड़ रहा है। दोनों ने अपने अपने पार्टनर से धोखा खाया था, उनका दर्द भी लगभग एक जैसा ही था। 

धीरे-धीरे पीहू दोनों की ज़िंदगी में रंग भरने लगी। पीहू के साथ बिताया हर पल रोहित के लिए खास था, वह उसे अपनी बेटी की तरह प्यार करता था। पीहू के मन में उसका परिवार भी पूरा हो चुका था। वह सोचने लगी, “रोहित अंकल मेरे पापा क्यों नहीं बन सकते?” 

एक दिन पीहू ने अपनी मां के सामने यह बात रोहित से कही, “रोहित अंकल क्या आप मेरे पापा बनोगे”। यह बात सुनकर वो दंग रह गया, और बोला, “बेटा आप तो वैसे भी मेरी प्रिंसेस हो”

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बच्ची के प्यार के लिए एक हुए अवनी और रोहित 

पीहू बोली, “नहीं मुझे आप को अपना पापा बनाना है, मैं चाहती हूं कि, आप मेरे साथ पैरेंट टीचर मीटिंग में चलो।” उस समय तो अवनी ने उसे जैसे तैसे समझाया। लेकिन पीहू ने जिद करना शुरू कर दिया। बच्चे की जिद और उसके प्यार के लिए अवनी और रोहित ने साथ आने का फैसला किया। दोनों का दर्द और पीहू के लिए प्यार एक था और इस खातिर दोनों ने आपस में शादी कर ली। 

अब पीहू का परिवार पूरा हो गया, और वो अपने मम्मी पापा की धड़कन बन गई। बात करें रोहित और अवनी के रिश्ते की तो उसके लिए शब्दों की जरूरत नहीं थी — एक बच्ची की सादगी ने दो दिलों को जोड़ दिया था।

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