Top 10 Moral Stories in Hindi For Kids | बच्चों की शिक्षाप्रद नैतिक कहानियां

क्या आप भी उन बचपन की कहानियों को याद करते हैं जो नानी या दादी सुनाया करती थीं?
वो कहानियाँ जो सिर्फ़ मज़ेदार नहीं होती थीं, बल्कि कुछ गहरा सिखा जाती थीं। जिन्हें सुनकर आपमें भी बड़ा होकर कुछ कर दिखाने का जोश आता था, आप लोगों की मदद करने के लिए प्रेरित होते थे।

अगर हां, तो आज हम आपको ऐसी ही Top 10 Moral Stories in Hindi सुनाने जा रहे हैं –
ये कहानियाँ आपको आपके बचपन की मीठी यादों में ले जाएँगी। आप अपने बच्चों, भतीजे – भतीजियों को भी ये Hindi Kahaniyan पढ़कर सुना सकते हैं। ये कहानियां बच्चों को जीवन के वो सबक सिखाएँगी जो इन्हें अच्छा इंसान बनने के लिए प्रेरित करेंगी।

आज हम आपको ऐसी ही Top 10 Moral Stories in Hindi सुनाने जा रहे हैं –
ये कहानियाँ आपको बचपन की मीठी यादों में ले जाएँगी, और साथ ही जीवन के वो सबक सिखाएँगी जो हमें इंसान बनाते हैं।

तो चलिए…
कहानियों की इस खूबसूरत दुनिया में कदम रखते हैं –

Top 10 Moral Stories In Hindi With Pictures: दिल को छू लेने वाली 10 नैतिक कहानियाँ

1. चालक लोमड़ी और सारस 

चालक लोमड़ी और सारस: moral stories in hindi

एक जंगल में सारस और लोमड़ी रहा करते थे। दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे। वो हमेशा जंगल में साथ खेलते ओर मस्ती किया करते थे। एक दिन लोमड़ी ने सोचा क्यों न दावत की जाए और ये सोच कर उसने सारस को रात के खाने पे बुलाया जाए। सारस के साथ–साथ उसने कुछ और जानवरों को भी दावत पर बुलाया, जैसे – कुत्ता, बिल्ली और खरगोश । 

रात हुई तो सभी जानवर दावत पे आए, सारस भी तैयार होकर आया। खाने के समय लोमड़ी ने सभी को प्लेट में दूध परोसा। अब बाकी सभी ने तो दूध पी लिया, पर लंबी चोंच की वजह से सारस प्लेट से दूध नहीं पी पाया और उसे भूखे पेट वापस अपने घर जाना पड़ा ।

घर जाते–जाते सारस ने लोमड़ी को सबक सिखाने का सोचा। दूसरे दिन सारस ने लोमड़ी को अपने घर पे दावत पे बुलाया । दावत का न्योता पाकर लोमड़ी बहुत खुश हो गई। रात को लोमड़ी सारस के घर पहुंची । सारस ने लोमड़ी को सुराहीदार जग ( पतले मुंह वाले जग )  में दूध परोसा। लंबी चोंच होने की वजह से सारस तो अपना दूध पल भर में पी गया। पर लोमड़ी उस दूध को नहीं पी पाई। अंत में लोमड़ी को भी खाली पेट ही वापस अपने घर आना पड़ा। 

🪶 सीख: जैसे को तैसा।

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2. नमक और गधे की कहानी – 

नमक और गधे की कहानी: moral story in hindi

पुराने समय की बात है। रामपुर नाम के गांव में भोला नाम का एक व्यापारी रहता था, जो नमक का कारोबार किया करता था। उसके पास एक गधा था, जिसपर वो नमक लादकर एक गांव से दूसरे गांव जाया करता था। एक गांव से दूसरे गांव जाने के लिए भोला को गधे के साथ नदी पार करनी होती थी। भोला का गधा बहुत ही आलसी था, उसे काम करने में बहुत ही जोर आया करता था । 

एक दिन भोला अपने गधे पर नमक की बोरियां डालकर नदी पार कर रहा था, तभी अचानक गधे का पैर फिसल गया और वो नदी में गिर गया। पानी में गिरने की वजह से बोरी का काफी सारा नमक पानी में घुल गया। गधा जब वापस खड़ा हुआ तो वो उसे बहुत ही हल्का महसूस हुआ।  यह देखकर गधे के दिमाग में एक तरकीब आई । उसने अब रोज नदी पर पैर फिसलने का नाटक करना शुरु कर दिया। वो रोज नदी पार करते समय फिसल जाता और नमक का वजन कम हो जाता।  गधे की इस हरकत से व्यापारी का बहुत नुकसान होने लगा ।

 उसने अब गधे को सबक सिखाने के बारे में सोचा और एक दिन गधे की बोरी में नमक की जगह कपास भर दिया। गधा आराम से चल रहा था, उसे पीठ पर बहुत हल्का भी महसूस हो रहा था।  पर जैसे ही नदी आई गधा अपनी आदत के अनुसार फिर से नदी में बैठ गया। अब गधा जैसे ही खड़ा हुआ, रुई में पानी भरने की वजह बोरी बहुत ही भारी हो गई और गधे का चलना मुश्किल हो गया । इस दिन गधे को एक सबक मिल गया, और उसने अपनी आदत छोड़ दी । अगले दिन जब वो नदी पार कर रहा था, तो उनसे नदी में गिरने का नाटक नहीं किया । 

🪶 सीख: अपनी बुरी आदतों को समय रहते छोड़ देना चाहिए। 

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3. सच्ची मित्रता की परीक्षा 

सच्ची मित्रता की परीक्षा: moral stories in hindi

एक गांव में राम और श्याम नाम के दो दोस्त रहा करते थे।  एक दिन किसी काम की वजह से दोनों जंगल से जा रहे थे। जंगल बहुत ही घना था। चलते–चलते दोनों जंगल के बीच पहुंचे तो अचानक से राम ने देखा कि एक भालू तेजी से उनकी तरफ चलता हुआ आ रहा है । 

ये देख राम घबरा गया और उसने श्याम को कहा – देखो वो भालू तेजी से हमारी तरफ आ रहा है, ये हमें मार देगा। ये कहकर राम तेजी से भागा और पेड़ पर चढ़ गया। राम को पता था कि श्याम को पेड़ पर चढ़ना नहीं आता है । लेकिन फिर भी वो उसे भी पे छोड़ कर अकेले पेड़ पर चढ़ गया।

अब श्याम पूरी तरह से फंस चुका था, भालू उसके नज़दीक आ रहा था, उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करे। पेड़ पर वो चढ़ नहीं पा रहा था, इतने मै उसे एक आइडिया आया। वह जमीन पर मरे हुए व्यक्ति की तरह चित लेट गया। उसे पता था कि भालू मरे हुए व्यक्ति का शिकार नहीं करता । भालू उसके पास आया और उसे सूंघ के चला गया। 

भालू के जाने के बाद राम पेड़ से उतरकर श्याम के पास आया । उसने श्याम से पूछा, कि भालू तुम्हारे कान में क्या कहके गया। ये सुनकर श्याम ने कहा – भाई, उसने मुझसे कहा कि कभी भी झूठे दोस्ती पर विश्वास मत करो । ये सुनकर राम को अपनी गलती का अहसास हुआ और उसे बहुत ही शर्मिंदगी महसूस हुई।

🪶 सीख: दोस्त हमेशा सोच समझ कर बनाने चाहिए। 

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4. छुपा हुआ खजाना 

छुपा हुआ खजाना : top 10 moral stories in hindi with pictures

लोहागढ़ नाम के गांव में एक किसान रहा करता था। उसके दो बेटे भी थे, पर वो दोनों बहुत ही ज्यादा आलसी थे। किसान पूरा दिन अकेले खेत में काम करता ओर उसके बेटे घर पे आराम से सोते । अपने बच्चों का आलस देखकर किसान बहुत परेशान हो गया था। उसने  अपने पड़ोसियों और रिश्तेदारों से भी उन्हें समझने को कहा पर, उसके बच्चों पर किसी की बात का कोई असर नहीं हुआ।

एक दिन किसान की तबीयत खराब हो गई, और उसने बिस्तर पकड़ लिया। अब उसे अपने बच्चों के भविष्य की चिंता और ज्यादा सताने लगी। एक दिन किसान को।एक विचार आया और उसने अपने दोनों बच्चों को बुलाया। दोनों बच्चे किसान के पास आए तो किसान बोला – बच्चों, मेरी तबीयत ठीक नहीं है, ऐसे में मैं तुम्हें एक बात बताना चाहता हूं जो मैंने अभी तक नहीं बताई है। हमारे खेतों में मैंने खजाना छुपाया है। पर अब मुझे ठीक से याद नहीं आ रहा है कि वो कौनसी जगह थी, जहां मैंने खजाना गाढ़ा था। क्या तुम उस खजाने को ढूंढकर ले आओगे , ताकि मैं उसे तुम दोनों में बराबर – बराबर बांट दूं। 

ये सुनकर किसान के दोनों बेटे खेत में गए और खजाना ढूंढने के लिए खुदाई करना शुरू कर दिया। दोनों ने पूरे दिन खुदाई की पर उन्हें कुछ भी नहीं मिला। शाम को दोनों बेटे उदास होकर किसान के पास गए, ओर बोले – पिताजी आपने तो कहा था कि की खेत में खजाना है पर हमें तो कोई खजाना नहीं मिला। इस पर किसान ने कहा – अच्छा तुम एक काम करना की ये बीज के जाकर खेत में डाल देना। 

कुछ दिनों बाद खेत में फसल लहरा रही थी। फसल बहुत अच्छी हुई थी तो किसान को उसके भूत अच्छे दाम मिले थे। ये देखकर किसान के दोनों बेटों को समझ आ गया था कि उनके पिताजी किस खजाने की बात के रहे थे। अब दोनों बेटों ने जीवन में मेहनत करना शुरू कर दिया । 

🪶 सीख: आपकी मेहनत ही आपका खजाना है। 

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5. ईमानदारी का तोहफा 

ईमानदारी का तोहफा : moral stories in hindi

तारागढ़ के राजा एक दिन नौका विहार पर निकले, इस दौरान उनकी अंगूठी पानी में गिर गई। उन्होंने अपनी अंगूठी को ढूंढने का खूब प्रयास किया, परवो अंगूठी नहीं मिली। कुछ दिनों बाद एक मछुआरा नदी में मछली पकड़ने गया।

मछुआरा बहुत गरीब था, वो रोजाना मछली पकड़ कर जैसे तैसे अपना घर पालता था। आज उसके हाथ एक बहुत बड़ी मछली लगी थी। वो उसे घर लेकर गया, और अपनी पत्नी को दिखाया। उसकी पत्नी मछली को देखकर चौक गई और बोली – इतनी बड़ी मछली,ये तो बहुत महंगी बिकेगी। पर मछुआरा बोला कि ये मछली इतनी बड़ी है, क्यों न इसे इसे अलग अलग हिस्सों में बेचा जाए। 

ये कहकर मछुआरे ने मछली के पेट को चिरा। उसमें उसे एक चमकती हुई चीज दिखी। उसने वो चीज उठाकर देखी तो वो सोने की अंगूठी थी जिस पर वहां के राजा का नाम लिखा था। मछुआरा समझ गया था कि ये मछली राजा की है। वो तुरन्त अंगूठी और मछली को लेकर राजा के पास गया। राजा। अपनी अंगूठी पाकर, बहुत ज्यादा खुश हो गया। मछुआरे की ईमानदारी देख कर राजा ने उसे बहुत सारे गहने और सिक्के तोहफे में दिए। तोहफे पाकर मछुआरा बहुत खुश हो गया और उसकी गरीबी भी दूर हो गई ।  

🪶 सीख: ईमानदारी से बड़ा कोई गहना नहीं होता । 

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6. नकलची बंदर और टोपी बेचने वाले की कहानी 

नकलची बंदर और टोपी बेचने वाले की कहानी: moral story in hindi

एक गांव में राम नाम का एक व्यक्ति रहता था। वह गाँव – गांव जाकर टोपी बेचा करता था और अपना घर चलाया करता था। एक दिन वह टोपियां बेचने पड़ोस के गांव जा रहा था, लेकिन रस्ते में वो थक गया। उसने एक पेड़ देखा और सोचा, क्यों न थोड़ी देर यही आराम कर लिया जाए। ये सोचकर वो पेड़ के पास गया और वहां कपड़ा बिछा के लेट गया। पेड़ की छाया इतनी शीतल थी कि उसे थोड़ी ही देर में नींद आ गई। 

थोड़ी देर बाद राम को कुछ आवाजें आई। वह उठा तो उसने देखा कि टोपियों का बैग पूरी तरह से खाली हैं, उसने आस पास देखा उसे कुछ नहीं दिखा। लेकिन जब उसने पेड़ के ऊपर नज़र घुमाई, तो उसने देखा कि पेड़ पे बहुत सारे बंदर बैठे हुए हैं और उनके सर पर उसकी टोपी है। ये देखकर राम परेशान हो गया। ओर अपने माथे पर हाथ रखकर बैठ गया। 

राम को देखकर बंदर उसकी नकल उतरने लगे, जैसे राम ने अपने सिर पे हाथ रख रखा था, वैसे ही बंदरों ने भी रख लिया। अब ये देखकर राम को।एक तरकीब सूझी। वह अपनी जगह से खड़ा हुआ और ओर नाचने लगा। ये देख बंदर भी नाचने लगे। अब राम ने अपने सिर पे लगी टोपी को अपने हाथ में ले लिया। बंदरों ने भी यही किया। अब राम ने उस टोपी को जमीन पर फेंक दिया, ये देखकर बंदरों ने भी टोपी को जमीन पर फेंक दिया। राम ने जमीन से अपनी सारी टोपी उठाई और उन्हें बैग में भरकर चला गया। अपनी टोपियां पाकर राम बहुत खुश था। 

🪶 सीख: संकट में कभी भी अपना आपा नहीं खोना चाहिए। हमेशा सब्र से काम लेना चाहिए। 

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7. दो बिल्ली और बंदर की कहानी 

दो बिल्ली और बंदर की कहानी : मोरल स्टोरी इन हिंदी

एक बार दो बिल्लियां एक रास्ते से जा रही थी। दोनों बहुत ही भूखी थीं और खाने की तलाश में थी । रास्ते में उन्होंने एक रोटी मिली, जिसे देखकर दोनों बिल्लियां उस पर झपटी। पहली बिल्ली बोली – इस रोटी को पहले मैंने हाथ लगाया है तो इस रोटी को मैं खाऊंगी । ये सुनकर दूसरी बिल्ली बोली – वाह, तुम तो बहुत चालाक बन रही हो, तुमने भले इसको पहले हाथ लगाए हो पर पहले इस रोटी को मैंने  देखा है। तो इस रोटी पर मेरा अधिकार है तुम अकेले इस रोटी को नहीं खा सकती हो, या तो यह रोटी दो हिस्सों में बांटेगी या सिर्फ मैं इसे खाऊंगी ।

यह सुनकर दूसरी बिल्ली को गुस्सा आया और वो बोली – ऐसे कैसे तुम पूरी रोटी खा जाओगी, ओर ये कहकर दोनों आपस में तेज तेज चिल्ला कर लगी। तभी वहां से एक बंदर गुजर रहा था।  बंदर ने दोनों बिल्लियों को झगड़ते हुए देखा, और उनके पास गया। बंदर ने बिल्लियों से कहा – अरे बहन तुम दोनों क्यों लड़ रही हो। तभी एक बिल्ली बोली – अरे भैया देखो ये रोटी पहले मैंने छुई, पर ये बोल रही है कि इसको मैने देखा तो ये इसको खाएगी। 

तभी बंदर बोला – अरे बस इतनी सी बात, तुम चिंता मत करो मैं ये रोटी तुम दोनों में बराबर–बराबर बांट देता हूं। मेरे पास तराजू भी है, तो तुम्हे कोई दिक्कत नहीं होगी। ये कहकर बंदर ने रोटी को लिया और उसे दो टुकड़ों में बांट दिया। पर रोटी का एक टुकड़ा बड़ा था तो तराजू एक तरफ झुक गया। ये देखकर बंदर बोला एक तरफ रोटी थोड़ी ज्यादा हो गई एक काम करता मै इसका एक टुकड़ा खा लेता हूं ताकि रोटी बराबर हो जाए। ये कहकर वो रोटी का एक टुकड़ा तोड़कर खा गया। 

तराजू फिर एक तरफ झुक गया क्योंकि, एक तरफ रोटी फिर से ज्यादा हो गई। बन्दर फिर से उसमें से एक टुकड़ा तोड़कर खा गया । ऐसे करते–करते बंदर वो पूरी रोटी खा गया और बिल्लियां उसका मुंह देखती रह गईं। रोटी बिल्लियों के हाथ तो आईं पर लड़ाई की वजह से वो उनके मुंह न लग सकी। दोनों बिल्लियां उदास मन से वापस अपने–अपने रस्ते की गई। 

🪶 सीख: दो लोगों की लड़ाई में फायदा हमेशा तीसरे व्यक्ति का होता है। 

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8. हाथी और चींटी की कहानी 

हाथी और चींटी की कहानी : moral stories in hindi for kids

सुंदरवन नाम के जंगल में सभी जानवर मिल-जुल कर रहा करते थे। हाथी उन सभी जानवरों में सबसे बड़ा था, तो वो अक्सर अपने आकार और शक्तियों का फायदा उठाकर दूसरे जानवरों को परेशान किया करता था । एक बार एक चींटी पत्ते पर बैठकर पानी पी रही थी, हाथी ने उसे देखा और अपनी सूंड से जोर से फूक मारकर चींटी को पानी में गिरा दिया, और जोर-जोर से हंसने लगा। ये देखकर चींटी को बहुत गुस्सा आया, और वो हाथी की शिकायत लेकर जंगल के राजा शेर के पास गई। 

 शेर के पास जाकर चींटी बोली – है जंगल के  राजा, मैं आपके पास न्याय के लिए आई हूं, ये जो हाथी हैं, वो सब जानवरों को परेशान करता है । कल भी इसने मुझे पानी में गिरा दिया, मैने जैसे-तैसे अपनी जान बचाई है । ये सुनकर राजा ने हाथी को बुलाया।  हाथी आया और चींटी के आकार का मजाक बनाते हुए बोला – ये क्या है, अब एक छोटी सी चींटी भी अपने लिए न्याय मांग रही हैं, जो मैरे सामने दिखती भी नहीं है। ये सुनकर चींटी बोली की आकार से कुछ नहीं होता है, तुमने जिस तरह से मुझे परेशान किया, मैं भी तुम्हें कर सकती हूं ।

चींटी की बात सुनकर हाथी हंसने लगा और बोला – जरा अपना साइज देखकर तो बात करो। ये सुनकर चींटी को गुस्सा आ गया, और वो हाथी की सूंड में चली गई, वहां जाकर उसने उसे काटा जिस वजह से हाथी परेशान हो गया, और इधर-उधर भागने लगा।  पंचायत में बैठे सभी जानवर इस घटना को देख रहे थे।  चीटी के काटने से हाथी बेसुध हो गया था, और वो चींटी से बाहर आने की प्रार्थना करने लगा । 

हाथी को परेशान देखकर शेर ने भी चींटी से बाहर आने की बात कही । थोड़ी देर में चींटी बाहर आ गई, और आकर हाथी से बोली – देखा, मैने तुमसे कहा था कि मैं तुम्हें परेशान कर सकती  हूं, पर तुम माने नहीं। अब दुबारा मुझसे पंगा मत लेना।  हाथी को अब समझ आ गया था, कि आकार से कुछ नहीं होता हैं, एक छोटी सी चींटी भी चाहें तो बड़े से हाथी को परेशान कर सकती है । इस घटना के बाद हाथी ने किसी भी जानवर को परेशान ना करने की कसम खाई और जंगल में फिर से सभी जानवर हंसी-खुशी रहने लगे।  

🪶 सीख: अपनी काबिलियत पर कभी घमंड नहीं करना चाहिए । 

ऐसी ही एक और कहानी में हाथी को चींटी ने सबक सिखाया, पढ़ें –
👉 घमंडी हाथी और चींटी की कहानी

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9. लोमड़ी और अंगूर की कहानी 

लोमड़ी और अंगूर की कहानी: top 10 moral stories in hindi with pictures

एक बार की बात है, एक लोमड़ी खाने की तलाश में इधर–उधर घूम रही थी। खाने की तलाश करते करते वो एक बगीचे में चली गई जहां बहुत सारी अंगूर की बेले थी। सभी बेले अंगूरों से भरी हुई थी। इतने सारे अंगूर देखकर लोमड़ी के मुंह में पानी आ गया। उसने सोचा क्यों ना आज अंगूर खाकर ही पेट भर जाए। ये सोचकर वो अंगूर तोड़ने की कोशिश करने लगी। 

अंगूर बहुत ऊंचे तो तो लोमड़ी अपने पंजों से उसे नहीं तोड़ पा रही थी। उसने पास पड़े पड़े पत्थर पर चढ़कर उन अंगूरों को तोड़ने की कोशिश की पर फिर भी लोमड़ी अंगूरों तक नहीं पहुंच पाई। लोमड़ी ने सोचा क्यों न उछलकर कोशिश की जाए। ये सोचकर लोमड़ी ने छलांग लगाई, पर वो अंगूरों के गुच्छे तक नहीं पहुंच पाई। 

लोमड़ी ने फिर से कोशिश करने का सोचा। इस बार वो थोड़ा दूर गई और उछलकर अंगूरों को तोड़ने की कोशिश की पर अंगूर काफी ऊंचे थे, और लोमड़ी उन तक नहीं पहुंच पा रही थी। बार–बार कोशिश करने पर भी जब लोमड़ी अंगूरों तक नहीं पहुंच पाई तो वो ये कहकर बगीचे से चली गई कि – ये अंगूर तो खट्टे हैं इन्हें कौन खाएगा। 

🪶 सीख: हाथ नहीं आने वाले अंगूर खट्टे ही होते हैं । 

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10. शेर और चूहे की कहानी 

शेर और चूहे की कहानी: moral stories in hindi for kids

पुराने समय की बात है, जंगल में एक शेर रहा करता था। वो बहुत ही खडूस था और कोई भी जानवर उसके पास जाने से डरता था। एक दिन वो बड़े ही आराम से पेड़ के नीचे सो रहा था। तभी अचानक से वहां एक चूहा आया। चूहा बहुत शरारती था, शेर को आराम से सोते देख उसके दिमाग में शरारत घूमने लगी। 

चूहा शेर के पास गया और उसके शरीर पर उछलकूद करने लगा। कभी वो शेर की मूंछों में लटकता तो कभी शेर के बालों में खींचातानी करता। चूहे की हरकतों से शेर की नींद खुल गई और उसने चूहे को अपने पंजे में दबोच लिया। शेर बोला – क्यों भाई चूहा, तुम इतने से हो क्या तुम्हें मुझसे डर नहीं लगता । आज तो मैं तुम्हें नहीं छोडूंगा, मैं तुम्हारी जान ले लूंगा । यह सुनकर चूहा डर गया और वह शेर के सामने गिड़गिड़ाने लगा।  चूहा बोला – शेर जी मुझे छोड़ दो,  मैं दोबारा ऐसी गलती नहीं करूंगा। प्लीज आज मुझे छोड़ दो, जब भी आपको मेरी जरूरत होगी मैं आपकी मदद करने के लिए हाजिर हो जाऊंगा। 

चूहे की बात सुनकर शेर हंसने लगा और बोला – कि तुम इतने से हो मेरी क्या मदद करोगे, पर फिर भी शेर को चूहे पर दया आ गई और उसने उसे छोड़ दिया। बहुत दिनों बाद जंगल में एक शिकारी आया उसने जानवरों के लिए एक जाल बिछाया, जिसमें शेर फंस गया । शेर को जाल में फंसा देख शिकारी बहुत खुश हो गया वह उसे मारने के लिए उसके पास ही आ रहा था कि इतने में कहीं से वहां पर चूहा आ गया । चूहे ने अपने पैने दांतों से उस पूरे जाल को काट दिया । शेर जाल से बाहर आ और तेजी से दहाड़ने लगा। 

शेर की दहाड़ सुनकर शिकारी डर गया और वहां से भाग गया। शेर ने चूहे को अपनी जान बचाने के लिए धन्यवाद किया, और दोनों बहुत अच्छे दोस्त बन गए। 

🪶 सीख: दूसरों का भला करोगे तो आपका भी भला होगा। 

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आज के लेख में हमने आपको 10 Moral stories in hindi बताईं, जिसमें सच्ची मित्रता की परीक्षा, छुपा हुआ खजाना, ईमानदारी का तौहफा, नकलची बंदर जैसी बहुत ही कहानियां आपने पढ़ी। उम्मीद है, कि ये कहानियां आपको पसंद आई होंगी। अगर कहानी अच्छी लगी हो तो इन्हें अपने छोटे भाई-बहन या भतीजे-भांजी को पढ़कर जरुर सुनाएं।

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