संघर्ष से सफलता की कहानी: IPS Success Story

यह कहानी गांव के एक साधारण से लड़के मनोज की है, जो कभी गांव में मस्ती करता घूमता था। पढ़ाई से उसका दूर दूर तक कोई नाता नहीं था। एक बार तो वह 12वीं में फैल भी हो गया, लेकिन जब उसे अपनी जिम्मेदारियों और क्षमताओं का अहसास हुआ तो मेहनत करना शुरू कर दिया। 

मेहनत की राह में उसे बहुत संघर्ष करना पड़ा, लेकिन उसने हार नहीं मानी और UPSC की परीक्षा पास की। गांव के मनोज ने कैसे संघर्ष से सफलता की कहानी लिखी यह जानने के लिए कहानी को पूरा जरूर पढ़े। 

12वीं फैल बना IPS 

बिहार के अरिया गांव में मनोज अपने परिवार के साथ रहा करता था। उसके पिता गांव में जमीनदार के यहां कुछ पैसों की नौकरी किया करते थे और उसकी मां और दादी भी दूसरों के खेतों में काम करके कुछ पैसे कमा लेती थी। मनोज के पिता बहुत ही मेहनत करके उसे पढ़ा रहे थे, लेकिन गांव के बाकी बच्चों के साथ वह पूरा दिन मस्ती करता रहता था। स्कूल में वह चीटिंग करके पास हो जाता, और उसके परिवार को लगता कि वह मेहनत करके पास हुआ है। 

कुछ सालों तक सबकुछ इसी तरह चलता रहा, मनोज 12वीं क्लास में आ गया। 12वी बोर्ड थी, उसने नकल करने की पूरी योजना बनाई थी। लेकिन प्रशासन की सख्ती के चलते वह नकल करते हुए पकड़ा गया, और वह 12वीं में फैल हो गया। 

12वीं में फैल हुआ तो टूटा मां–बाप का सपना 

मनोज के माता – पिता को जब पता चला की वह अब तक चीटिंग करके पास हुआ है, तो उनका दिल टूट गया। मनोज के पिता बोले –”मैं तुझे अपना पेट काटकर पढ़ा रहा हूं, ताकि तू कुछ बन जाएं और इस तरह की। जिंदगी तुझे न बितानी पड़े। लेकिन तुझे बिल्कुल भी अहसास नहीं है, कि तूने कितनी बड़ी होती कि है। आज से तेरी पढ़ाई बंद है, और अब तू मेरे साथ काम पर चलेगा।” 

मनोज की मां और दादी ने उसके पिता को समझाया, लेकिन वो नहीं माने और अगले दिन मनोज को अपने साथ जमींदार के यहां काम पर ले गए। जमींदार अपने यहां काम करने वाले लोगों से बिल्कुल भी अच्छे से व्यवहार नहीं करता था, वह हर समय उन्हें डांटता रहता और खरी खोटी सुनाता रहता। 

मनोज ने वहां काम करना शुरू कर दिया। दिन भर मजदूरी करने के बाद जब अब लोग पैसे लेने गए तो, जमींदार ने तरह तरह के बहाने लगाकर सभी के पैसे काट लिए। यह देखकर मनोज को। अपने पिता की बात याद आई, और सोचा – “अगर मैं पढ़ लिख लेता तो मुझे इस तरह काम नहीं करना पड़ता। मेरे पिता इतनी मेहनत से पैसे कमाते थे, जमींदार की चार बात सुनते है और मैने कभी पढ़ाई पर ध्यान नहीं दिया। मैं बहुत बुरा बेटा हूं”। यह सोचकर वह मन ही मन रोने लगा। 

अगले दिन मनोज फिर से काम पर गया, लेकिन आज जमींदार के यहां का माहौल कुछ अलग था। आज जिले का IPS अधिकारी गांव दौरे पर था, उसे देखकर जमींदार भी उसकी जी हुजूरी कर रहा था। यह देखकर उसने अपने पिता से पूछा – “बाबा यह कौन है, जिसके सामने ये जमींदार भी शांत है।” उसके पिता बोले – “बेटा ये हमारे यहां के IPS ऑफिसर है, गांव के सभी लोग इनकी बातें सुनते है, गांव में इनकी बहुत इज्जत है।”

मनोज ने जिज्ञासु होकर फिर अपने पिता से पूछा, – “ अधिकारी बनने के लिए क्या करना होता है?”। मनोज के पिता ने बताया कि इसके लिए पढ़ाई करनी होती है, हर साल सरकार फॉर्म निकलती है, इस परीक्षा में जो पास होता है, वो IPS बन जाता है”। 

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मनोज ने बनाया फिर से पढ़ाई करने का मन 

यह सुनकर मनोज ने मन ही मन IPS बनने की ठानी। अगले दिन वह गांव के सरकारी स्कूल में जाकर फिर से 12वीं में अपना दाखिला करवा आया। उसने अपने पिता से हाथ जोड़कर कहा – “बाबा मैं पढ़ना चाहता हूं, मुझे बस एक मौका दे दीजिए मैं आपको एक दिन जरूर बड़ा आदमी बनकर दिखाऊंगा।” मनोज की दादी और मां ने भी उसका सपोर्ट किया। आखिर में उसके पिता मान गए। 

मनोज अब मन लगाकर पढ़ाई करने लगा। उसका बस एक ही लक्ष्य था, पुलिस अधीक्षक बनना। कुछ महीनों बाद 12वी की परीक्षा हुई, और इस बार मनोज की मेहनत रंग लाई। उसने पूरे गांव में टॉप किया। यह देखकर उसके माता पिता भी बहुत खुश हुए। कॉलेज की पढ़ाई के लिए उसने प्राइवेट फॉर्म भर दिया। देखते ही देखते तीन साल गुजर गए, और मनोज की ग्रेजुएशन पूरी हो गई। 

पढ़ाई में आई पैसों की दिक्कत 

आगे की पढ़ाई के लिए मनोज ने शहर जाने का निर्णय लिया, लेकिन पिता की स्थिति उसे अच्छे से पता थी, तो वह उनसे पैसे मांगने की हिम्मत न कर सका। 

मनोज की दादी उसके मन का हाल जानती थी, ऐसे में उसने उसे अपने पास बुलाया और अपनी जीवनभर की जमापूंजी उसके सामने रख दी। दादी बोली – “मेरे पास बस इतने ही पैसे है, इससे तेरी कुछ मदद हो जाएगी। लेकिन हां तुझे मुझसे वादा करना होगा कि एक दिन बड़ा आदमी बनकर गांव लौटेगा”। मनोज ने हां में सिर हिलाया। 

दादी की संदूक में लगभग 50,000 रुपए थे, जिन्हें लेकर मनोज दिल्ली शहर के मुखर्जी नगर चला गया। यह एक ऐसी दुनिया थी, जहां लाखों लोग IPS और IAS बनने का सपना देख रहे थे। मनोज ने एक सस्ती सी कोचिंग में एडमिशन लिया और पढ़ाई करने लगा। 

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शहर में की पार्ट टाइम नौकरी 

गांव से लाए हुए पैसे कुछ ही दिनों में खत्म हो गए। ऐसे में अब मनोज रात को एक लाइब्रेरी और दिन में चाय की दुकान पर काम करना शुरू कर दिया। धीरे–धीरे मुखर्जी नगर में रहने वाले लोगों से उसकी दोस्ती हो गई, वे उसे छोटू कहकर बुलाते थे। मनोज उनसे नोट्स लेता और जम कर पढ़ाई करता। 

पहली बार जब मनोज ने UPSC का फॉर्म भरा तो, वह प्री एग्जाम भी क्लियर नहीं कर पाया। दूसरी बार भी वह असफल रहा, लेकिन मनोज ने हिम्मत नहीं हारी। 

दो बार असफता के बाद हाथ आया बड़ा मौका 

उसके मन में हमेशा अपनी दादी की कही बात गूंजती रहती, “गांव आए, तो अधिकारी बनकर ही आना”। बड़ी ही उम्मीदों के साथ मनोज ने तीसरी बार यूपीएससी का फॉर्म भरा। उसका प्री एग्जाम क्लियर हो गया। मैंस की तैयारी के लिए उसने एक फुल टाइम कोचिंग में एडमिशन लिया। 

पैसों की। किल्लत तो थी, ऐसे में मनोज ने एक आटा चक्की की दुकान पर काम करना शुरू कर दिया। कोचिंग के बाद वह किताबें लेकर चक्की पर चला जाता, और आटा पीसते पीसते पढ़ाई करता। इन एग्जाम के लिए उसने दिन रात एक कर दिए थे। 

मनोज की मेहनत आखिर रंग लाई, उसने मैंस का एग्जाम भी क्लियर कर लिया। अब बारी थी इंटरव्यू की। उसने जी जान से इंटरव्यू की तैयारी की। आखिरकार परिणाम का।दिन आ गया। मनोज ने जब पास हुए लोगों में अपना नाम देखा तो, वह वहीं बैठकर रोने लगा। उसके दोस्तों ने उसके पास होने का जश्न बनाया और उसे चुप करवाया। तीन साल की मेहनत के बाद मनोज आखिरकार IPS अधिकारी बन ही गया। 

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IPS की वर्दी में अपने गांव पहुंचा मनोज 

मनोज ने फोन पर अपने पिता को पास होने की खबर सुनाई, जिसे सुनकर उसके पिता बहुत खुश हुए। उन्होंने पूरे गांव में घूम घूम कर अपने बेटे के अधिकारी बनने की खबर सुनाई। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद मनोज वर्दी में अपने गांव पहुंचा। 

अपने बेटे को वर्दी में देखकर मनोज की दादी और मम्मी की आंखों में आंसू आ गए, उसके पिता ने उसे गले लगाए। आज उसके स्वागत के लिए पूरा गांव वहां मौजूद था। मनोज की सफलता को देखकर हर कोई खुश था। आज वह जमींदार भी उसे सलामी दे रहा था, जिसने कभी उसे और उसके पिता को खरी खोटी सुनाई थी। और यह सब संभव हो पाया उसकी लगन और मेहनत के कारण। 

तो ये थी IPS Manoj Ki Kahani। उम्मीद है संघर्ष से सफलता की ये कहानी आपको पसंद आई होगी। कहानी अच्छी लगी हो, तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें। 

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