सबसे डरावनी भूत की कहानी: Bhoot Ki Kahani In Hindi

भूत की कहानी: क्या भूले बिसरे आपका सामना किसी छलावे या भूत से हुआ है? हमारी आज की सबसे डरावनी भूत की कहानी के हीरो अमन के साथ ऐसा ही कुछ हुआ। अमन अपने दोस्त मोहित के साथ मुंबई काम ढूंढने के लिए जाता है। उनके पास ठहरने की कोई जगह नहीं थी, ऐसे में जाने अनजाने वो एक भूतिया बंगले में चले जाते हैं। और यही से शुरू होता है, उनके जीवन का डरावना सफर। इस सफर में वो एक भटकती आत्मा को न्याय भी दिलाते है।

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आखिर उस आत्मा के साथ क्या अन्याय होता है? और अमन और मोहित उस आत्मा को कैसे मुक्ति दिलाते, जानने के लिए पढ़े आज की हमारी Horror Stories In Hindi

अमन और मोहित बचपन के दोस्त थे। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने सपनों को उड़ान देने के लिए दोनों गांव छोड़ कर सपनों के शहर मुंबई आ गए। दोनों का एक ही सपना था कि उन्हें एक अच्छी सी नौकरी मिल जाए ताकि वह अपने जिंदगी को बेहतर बना सके और अपने घर वालों की आर्थिक मदद कर सके।

मुंबई पहुंचने के बाद दोनों ने पूरा दिन नौकरी की तलाश की, लेकिन उन्हें नौकरी नहीं मिली। थक हार कर दोनों ने एक ढाबे से खाना खाया और एक बिल्डिंग के बाहर जाकर बैठ गए। काफी देर तक दोनों वहां बैठे थे, तो बिल्डिंग के चौकीदार ने आकर उन्हें डांटा और वहां से जाने को कहा। लेकिन उनकी हालत देखकर उसको उनपर दया आ गई। वह अपने उन दिनों को याद करने लगा जब वो भी नौकरी की तलाश में मुम्बई आया, और इसी तरह धक्के खाने पड़े। 

भूतिया बंगला नंबर 21: Bhoot Ki Kahani In Hindi

ऐसे में उसने अपने दोस्त को फोन किया, जो बंगला नंबर 21 में काम करता था। उसके दोस्त ने बताया कि बंगले का मालिक दो महीने के लिए विदेश गया हुआ है, ऐसे वे अगर लड़के ठीक हैं, तो वो कुछ समय वहाँ रह सकते हैं। अगले दिन चौकीदार अमन और मोहित को लेकर बंगले में पहुंचा। 

बंगला देखने में बहुत ही सुंदर था, ऐसा लग रहा था कि मानो वो दोनों किसी फाइव स्टार होटल में आ गए हों। बंदे की चौकीदार ने उन्हें गेस्ट रूम में ठहराया । अमन और मोहित के रखने की व्यवस्था हो गई, अब बस उनकी नौकरी ढूंढनी थी। 

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अमन के साथ हुई अजीबो गरीब घटना 

देखते ही देखते दो दिन बीत गए मोहित और अमन सुबह-सुबह नौकरी खोजने के लिए निकलते हैं और शाम को खाली हाथ वापस घर आ जाते। लेकिन इन दो दिनों में अमन के साथ बहुत कुछ अजीब हुआ। कभी वह रात में डर कर चिल्लाने लगता l, तो कभी वह बंगले के तहत खाने में चला जाता। अमन ने अपने दोस्त मोहित को बताया कि उसे रात को एक औरत के रोने की आवाज सुनाई देती है। और वह उस आवाज के पीछे ही खिंचा चला जाता है। 

मोहित को अमन की बातों पर विश्वास नहीं हुआ उसने कहा – “अमन तुम पूरा दिन बहुत थक जाते हो, ऐसे में जरूर तुमने कोई बुरा सपना देखा होगा।” अमन ने सोचा कि शायद ये थकावट का ही असर है, ये सोचकर वह सो गया। 

रहस्यमई चिट्ठी 

लेकिन अगली सुबह कुछ अजीब होता है। अगले दिन जब दोनों सो कर उठे तो उन्होंने देखा कि उनके नाम पर एक चिट्ठी आई है। यह चिट्ठी किसने भेजी किसी को भी पता था, लेकिन चिट्ठी में लिखा था “इस पते पर जाओ, काम मिल जाएगा।” दोनों को। काम की तलाश थी, तो वे चिट्ठी में दिए पते पर पहुंचे। यह एक बहुत बड़ी कंपनी थी। 

अमन और मोहित ने चिट्ठी गार्ड को दिखाई, जिस पर कंपनी के मालिक के दस्तक थे। चिट्ठी देखकर दोनों को अंदर भेज दिया। वहां के मैनेजर ने मलिक के दोस्त का देखकर उन्हें कम पर रख लिया। अगले दिन अमन और मोहित कम पर आए। उन्हें उनके काम करने की जगह दिखाई गई लेकिन अमन सीधा बॉस के कमरे में चला गया और पासवर्ड लगाकर रूम खोल लिया। यह देख कर मैनेजर चौक गया क्योंकि उसे रूम का पासवर्ड सिर्फ वहां के मालिक को पता था। 

यह देखकर मैनेजर को लगने लगा कि शायद यह दोनों बॉस के कोई खास आदमी है इसीलिए उन्हें उनका पासवर्ड पता है। अमन बॉस के रूम में ही रुक गया। थोड़ी देर में मैनेजर के पास कंपनी के मालिक का फोन आया, उसने गुस्से में कहा – “मेरा कंप्यूटर किसने छेड़ा है”। यह सुनकर मैनेजर ने उसे सारी बात बता दी। 

कंपनी का मालिक बोला – “मैने किसी को भी नौकरी के लिए नहीं भेजा है, तुम जाओ और जल्दी से उसे रोको वरना वह मेरी कंपनी को बर्बाद कर देगा। यह सुनकर मैनेजर दौड़ता हुआ बॉस के रूम में गया। वहां पहुंचा तो उसने देखा कि अमन बेहोश पड़ा है। जब उसे होश आया तो, अब तक जो भी हुआ था उसका पूरा रहस्य खुलकर सामने आ गया। 

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सामने आया कंपनी के मालिक का सच 

जो व्यक्ति होश में आया था वह अमन नहीं बल्कि कोई और ही था। अमन के अंदर एक लड़की की आत्मा गई थी। उसने बताया कि जिस बंगले में अमन और मोहित रुके हुए हैं वह इस कंपनी का मालिक है। एक समय था जब वह भी अपने बॉस के साथ उसे घर में रहा करती थी। वह अपने बॉस से बहुत प्यार करती थी और उससे शादी करना चाहती थी, लेकिन उसका बॉस ऐसा नहीं चाहता था। 

एक दिन जब उसे पता चला कि वह प्रेगनेंट है, तो उसने अपने बॉस को ये खुश खबरी दी। इस बात को लेकर दोनों के बीच बहुत ज्यादा झगड़ा हुआ। गुस्से में उसके बॉस ने उसे जोरदार धक्का दिया, जिस वजह से वो छत से नीचे गिर गई और मर गई। सजा से बचने के लिए उसके बॉस ने उसे तहखाने में दफ़ना दिया। वह सालों से वहीं बंद थी। 

लेकिन जब अमन स्टोर रूम ढूंढते ढूंढते तहखाने में पहुंचा, तो उसने अमन के शरीर पर कब्जा कर लिया। अमन पर कब्जा करके लड़की की आत्मा ने बॉस के कंप्यूटर से उसके सारे गुनाह इंटरनेट पर वायरल कर दिए। आखिरकार उसके बॉस को। पुलिस ने पकड़ लिया, और हत्या के जुर्म में उसे आजीवन कारावास की सजा मिली। 

लड़की की आत्मा को मिली मुक्ति 

जाने अनजाने ही सही लेकिन अमन और मोहित ने एक लड़की को न सिर्फ न्याय दिलवाया, बल्कि उसे मुक्ति भी दिलाई। यह कहानी दर्शाती है कि इंसाफ़ कभी मरता नहीं, चाहे आत्मा हो या इंसान… जब जुल्म हद से बढ़ता है, तो न्याय की आंधी आती है और सब कुछ सही करके चली जाती है। 

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