नीले सियार की कहानी: The Blue Jackal Story In Hindi

Panchtantra Ki Kahani में आज हम आपके लिए लेकर आए हैं, एक नीले सियार की कहानी। हां हां हमें पता है आप सोच रहे होंगे कि नीला सियार तो होता ही नहीं है, फिर ये सियार नीला कहां से आया ? तो इसके पीछे भी एक राज छुपा हुआ है। खैर बात करें नीले सियार की तो वो बहुत ही चालाक था। आपकी चालाकी से वो सभी जानवरों को बेवकूफ बनाया करता था, और उन्हें परेशान भी किया करता था। एक दिन तो उनके अपनी चालाकी से खुद को जंगल का राजा भी घोषित कर दिया। लेकिन अंत में उसी की चालाकी उस पर भारी भी पड़ी। आखिर अंत में सियार के साथ क्या हुआ था ? ये जानने के लिए आपको कहानी पूरी पढ़नी होगी, तो चलिए शुरू करते हैं….

जाने कैसे नीले रंग में रंगा सियार?

बहुत समय पहले की बात है, एक जंगल में बहुत सारे जानवर मिल जुल कर रहा करते थे। उन्हीं में एक सियार भी था, वो बहुत  तेज़-तर्रार था और अक्सर अपनी चालाकियों से जंगल के जानवरों को धोखा देता था। एक दिन, सियार गलती से गांव के रास्ते में चला गया। जहां कुछ लोगों ने उसे देखा और उसके पीछे पड़ गए। लोगों से बचने के लिए सियार एक बड़े से ड्रम के पीछे चुप गया। थोड़ी से बाद लोग तो वहां से चले गए। जैसे ही सियार वापस जंगल की और जाने के लिए बाहर निकला, तो ड्रम में रखा नीला रंग उसके ऊपर गिर गया।  उसकी सारी त्वचा नीले रंग से रंग गई थी। सियार को यह देखकर एक आइडिया आया। उसने सोचा, अगर सभी जानवर मुझे नीला देखेंगे, तो वे मुझे बड़ा ही खास समझेंगे। “अब मैं अपने आप को जंगल का राजा बना सकता हूँ!

जानवरों को पागल बनाकर जंगल का राजा बन गया सियार

ये सोचकर सियार जंगल में चला गया और वहां मौजूद सभी जानवरों से बोला – “देखो, मैं नया राजा हूँ! भगवान ने खुद मुझे जंगल का राजा बनाया है, मैं नीला रंग लिए हुआ हूं, जो कि सबसे खास है। “तुम सब मुझे आदर दो, क्योंकि मैं तुम्हारा राजा हूँ।” 

सियार का नीला रंग देखकर सभी जानवर हैरान थे। कुछ जानवर तो डर भी गए और कुछ ने सोचा कि सच में वह कोई खास प्राणी है। धीरे-धीरे सभी जानवरों ने सियार की बात माननी शुरू कर दी और वह जंगल का राजा बन गया। सभी जानवरों की मर्जी के आगे शेर को झुकाना पड़ा और वो अपनी गुफा में चला गया। अब सियार जानवरों को अपनी बातों से डरा-धमका कर उनका शोषण करने लगा। ये देखकर जंगल के बड़े बूढ़े जानवरों को सियार पर शक हुआ। 

उन्होंने सोचा – “ भगवान इतने निष्ठुर तो नहीं है कि वह ऐसे निर्दयी व्यक्ति को जंगल का राजा घोषित करेंगे। हो ना हो दाल में जरूर कुछ काला है और हमें इसका पता लगाना होगा यह सोचकर जंगल की सभी बुजुर्ग जानवर जंगल के राजा शेर के पास गए। 

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शेर के साथ मिलकर जानवरों ने बनाई खास रणनीति

सभी जानवरों ने शेर के साथ मिलकर सियार का पर्दा फाश करने की योजना बनाई। कुछ जानवरों को सियार के पास भेजा गया ताकि वह उसे बहला फुसला कर झरने के पास ला सके। 

उन जानवरों में खरगोश भी शामिल था, खरगोश सियार के पास गया और बोला – “है राजा हम चाहते हैं कि आपका पूरे रीति रिवाज के साथ राज्याभिषेक किया जाए और फिर आपको जंगल का राजा बनाया जाए। लेकिन इसके लिए आपको शाही झरने में स्नान करना होगा। 

इतने समय से राजा बनकर सियार लापरवाह हो गया था उसने इस बात पर ध्यान ही नहीं दिया कि अगर वह पानी में जाएगा तो उसका नीला रंग धूल जाएगा। वहबेसुध होकर सभी जानवरों के पीछे झरने की ओर चलने लगा । 

मन ही मन वह सोच रहा था की – “अच्छा है आखिर कारसभी जानवरों ने मुझे पूरी तरह से राजा स्वीकार कर लिया है, और अब मैं इन पर अच्छे से राज कर पाऊंगा”। और अब मेरा राज्याभिषेक होने के बाद तो जंगल का पुराना राजा यानी कि शेर भी मुझे कुछ नहीं कह पाएगा। 

यह सोचकर सियार झरने के पास चला गया। वहां शेर को देखकर वह थोड़ा डरा लेकिन बाकी जानवर उसके साथ थे तो उसे लगा कि शायद अब शेर ने भी मान लिया है कि मैं ही जंगल का असली राजा हूं। 

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सियार का हुआ पर्दाफाश 

शेर ने सियार से कहा कि अगर तुम्हें सच में इस जंगल का राजा बना है तो तुम्हें इस शाही झरने में स्नान करना होगा। इसके बाद तुम शुद्ध हो जाओगे और यहां के राजा बन पाओगे। 

शेर के इतना कहने की ही देरी थी कि सियार उस झरने के नीचे चला गया। सियार जैसे ही पानी में गया, उसकी त्वचा का नीला रंग उसमें धुल गया । अब सियार वापस अपने असली रंग में आ चुका था, यह देखकर सभी जानवरों को विश्वास हो गया कि यह कोई भगवान का दूत नहीं है बल्कि सामान्य सियार है। 

सभी जानवर गुस्से में आ गए और उन्होंने सियार से कहा, “तुमने हमें धोखा दिया! तुम कोई राजा नहीं, बल्कि एक साधारण सियार हो।” सियार अब समझ गया कि उसका झूठ पकड़ा गया है। इसके बाद सभी जानवरों ने एक सभा बैठाई और उसमें सियार को जंगल से निकलने का आदेश सुनाया गया। 

अब जंगल का राजा वापस से शेर बन गया था और सब लोग पहले की तरह मिलजुल कर रहने लगे थे। सियार को झूठ बोलने की सजा मिली और वह जंगल के बाहर इधर-उधर भटकते हुए अपनी जिंदगी बिताने लगा। 

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सीख: 

  • कभी भी किसी के दिखावे पर भरोसा नहीं करना चाहिए, क्योंकि असली पहचान हमेशा समय के साथ सामने आ जाती है।
  • झूठ बोलने से किसी का भला नहीं होता है। 
  • दिखावे की जिंदगी ज्यादा दिन नहीं चलती है। 

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