ये कहानी एक ऐसी लड़की की है जिसकी सौतेली मां और बहनें उस पर बहुत जुल्म किया करती थी, पर एक राजकुमार ने आकर उसकी बेरंग जिन्दगी में रंग भर दिए। क्या आप जानना चाहेंगे कि कैसे ये राजकुमार इस लड़की से मिला? चालिए जानते हैं –
नवेली की कठिनाइयों से भरी जिंदगी

राजगढ़ के महाराजा संग्राम सिंह की दो पत्नियां थी। पहली पत्नी से राजा को एक बेटी हुई जिसका नाम नवेली रखा गया। नवेली बहुत ही सुंदर और शालीन थी, वो अपने व्यवहार से हर किसी का मन मोह लेती थी। वहीं दूसरी पत्नी से भी राजा को दो बेटियां थी। राजा की दुसरी पत्नी बहुत ही लालची थी, वो सारा राजपाठ हड़पना चाहती थी। एक दिन राजा को उसकी मंशा का पता चल गया, ओर उसने अपनी दूसरी पत्नी को घर से बाहर निकालने का निर्णय लिया।
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खुद को बचाने के लिए दूसरी पत्नी ने चली चाल
राजा अपनी दूसरी पत्नी की तरफ आ ही रहा था, लेकिन तभी दूसरी रानी को पता चल गया कि राजा उसे अपने महल से निकलना चाहता है। दूसरी रानी ने भ्रष्ट सैनिकों के साथ मिलकर राजा और उसकी पहली पत्नी को मरवा दिया। राजा के मारने के बाद दूसरी रानी महल पर राज करने लगी। अपनी सौतेली बेटी यानी कि नवेली को रानी ने मारा नहीं लेकिन वो उसके साथ नौकरों से भी बद्तर व्यवहार करने लगी। वो उससे घर के सारे काम करवाया करती थी।
रानी की दोनों बेटियां मोहना और सलोनी भी अपनी बहन को बहुत सताती थी। वो। वो नवेली से अपने कपड़े धुलवाती, बाल धुलवाती और उसे भला बुरा बोलतीं। रानी ओर उसकी बेटियों ने मिलकर उसका जीना दुश्वार कर दिया था।
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नवेली की जिंदगी में आया रोमांचक मोड़
एक दिन पास के राज्य सुजानगढ़ के राजा ने अपने महल में पार्टी (आयोजन) रखी, जिसका निमंत्रण उन्होंने आस-पास के सभी राज्यों में भिजवाया। इस निमंत्रण के साथ ही राजा ने सभी राज्य की राजकुमारियों को खास तौर पर निमंत्रण भेजा क्योंकि वो अपने बेटे रोहन की शादी करना चाहते थे। राजा चाहते थे, कि आस-पास के सभी राजकुमारियां वहां आए, ताकि उनका बेटा अपने लिए अच्छी पत्नी चुन सके।
ये निमंत्रण रजगढ़ भी पहुंचा, जहां संग्राम सिंह की दूसरी पत्नी राज कर रही थी। रानी ने इस अपनी दोनों बेटियों के साथ इस आयोजन में जाने का निर्णय लिया। रानी की दोनों बेटियों को अपनी सुंदरता पर बहुत घमंड था, उन्हें विश्वास था कि रोहन उन्हें देखते ही पसंद कर लेगा। वो सज-धज कर पार्टी में चली गईं। नवेली भी इस आयोजन में जाना चाहती थी, लेकिन उसके पास ना तो कपड़े थे, ना ही जाने के लिए कोई वाहन। रानी और उसकी बेटियों के जाने के बाद नवेली अपनी मां को याद करके रोने लगी। इतने में ही आसमान से एक आवाज आई – नवेली तुम क्यों रो रही हो? नवेली ने रोते-रोते सारी बात बता दी। इतने में ही वहां एक परी आई, और बोली – बस इतनी सी बात चलों में तुम्हें तैयार करती हूं, अपने जादू से। परी ने छड़ी घुमाई और नवरत्न की फटी-पुरानी ड्रेस बहुत ही सुंदर साडी में बदल गई।

नवेली इस साडी में बहुत ही सुंदर लग रही थी। परी ने पास में रखे कद्दू को सुंदर से रथ में बदल दिया। नवेली खुद को इस अवतार में देखकर बहुत खुश थी, वो आयोजन में जाने के लिए निकलने लगी। इतने में परी ने उसे कहा – देखों तुम्हें 12 बजे से पहले आना ही होगा, क्योंकि 12 बजे के बाद मेरा जादू खत्म हो जाएगा, और तुम्हारें कपड़े और ये रथ फिर से पहले जैसा हो जाएगा। तो ध्यान रखना 12 बजे से पहले तुम घर आ जाओ। नवेली ने 12 बजें तक आने का वादा किया और वो आयोजन के लिए निकल गई।
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क्या रोहन का दिल जीतने में कामयाब हो पाएगी नवेली?
सुजागढ़ के महल में पार्टी शुरु हो चुकी थी। हर राज्य से सुंदर-सुंदर राजकुमारियां वहां आ चुकी थी, लेकिन रोहन को उनमें से कोई भी खास पसंद नहीं आई। मोहना और सलोनी भी बार-बार रोहन को आकर्षित करने की कौशिश कर रही थी, लेकिन वो कामयाब नहीं हुई। इतने में ही नवाली का रथ वहां आकर रुका, जिसे हर कोई देख रहा था।

रथ से नवेली बाहर आई, तो सभी राजकुमार उसे देखते रह गए। लाल रंग की शादी में नवेली किसी परी से कम नहीं लग रही थी। रोहन को नवेली को देखकर पहली ही नजर मै प्यार हो गया। रोहन वहां आया, उसने नवेली से उसके साथ डांस करने की प्रार्थना की। नवेली ने हां कर दिया और वह रोहन साथ में डांस करने लगी। दोनों डांस कर ही रहे थे कि अचानक से नवेली की नजर घड़ी पर पड़ी । उसने देखा की 12:00 बजने में 15 ही मिनट बचे थे । वह डांस छोड़कर वह से निकल गई, रोहन ने उससे पूछा कि क्या हुआ, पर नवेली ने कुछ नहीं कहा और वो वहां से चली गई। नवेली जब महल से बाहर जा रही थी तो उसका एक सैंडल वहीं रह गया, जो रोहन को मिल गया। 12:00 के बाद सब कुछ नॉर्मल हो गया नवेली के कपड़े फिर से पुराने कपड़ों में बदल गए।
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नवेली को अपने दिल की बात कैसे कहेगा रोहन ?
पार्टी खत्म हो गई थी लेकिन रोहन अभी भी नवेली की यादों में खोया हुआ था। उसे नवेली का नाम भी नहीं पता था लेकिन वह उसी से शादी करना चाहता था । रोहन ने उसे ढूंढने का निर्णय लिया। उसने नवेली का सैंडल लिया और उसे ढूंढने के लिए निकल गया। रोहन आसपास के सभी राज्यों में गया। वहां उसने हर राजकुमारी को वो सैंडल पहनकर देखा, पर वो किसी भी लड़की के पैर में नहीं आया।
रोहन निराश था पर वह उस लड़की को।ढूंढना चाहता था जिसने उसका दिल जीता था। आखिरकार वह सुजानगढ़ राज्य में भी पहुंचा, जहां उसकी मुलाकात मोहना और सलोनी से हुई। रोहन ने दोनों को सैंडल पहनकर देखा, लेकिन वो उन्हें भी ठीक से नहीं आया। इतने में नवेली वहां आई, वह पुराने कपड़ों में थी। रोहन ने उसे देखा तो उसने उसे उसी लड़की की झलक दिखाई दी जिसे वो ढूंढ रहा था।
आखिर नवेली को मिल ही गया उसके सपनो का राजा
रोहन ने नवेली से सैंडल पहनने को कहा, तो सलोनी ने उसे ठोक दिया और कहां – यह तो यहां की नौकरानी है, तुम इसे क्यों सैंडल पहना रहे हो? रोहन ने उसकी बात को नजरंदाज किया और उसने नवेली को वह सैंडल पहना दिया । आखिरकार वह सैंडल उसके पैरों में फिट हो गया । रोहन ने उससे कहा – तुम ही मेरे दिल की रानी हो आखिरकार मैंने तुम्हें ढूंढ ही लिया, मैं तुमसे शादी करना चाहता हूं। इसके बाद रोहन उसे अपने राज्य राजगढ़ ले गया जहां दोनों की शादी हो गई और दोनों खुशी-खुशी रहने लगे।
सीख: यह कहानी हमें सिखाती है कि कठिनाइयों के बाद भी सच्चा प्यार और न्याय जरूर मिलता है।
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