एक गांव में विकास नाम का एक किसान रहता था। उसके चार बेटे थे, और पत्नी का देहांत हो चुका था। विकास के चारों बेटे आपस में झगड़ते रहते थे, जिससे वे न तो मिलकर कोई काम कर पाते और न ही साथ रह पाते।
अपने बेटों की इन हरकतों से किसान बहुत परेशान था। धीरे-धीरे उसकी उम्र भी बढ़ रही थी और उसे अपने बच्चों के भविष्य की चिंता सताने लगी। एक दिन उसने अपने बेटों को सबक सिखाने की योजना बनाई और चारों को बुलाकर लकड़ी का बंडल लाने को कहा।
बच्चों को सबक सिखाने के लिए किसान ने सोची नई तरकीब
जब चारों बच्चे विकास के पास आए, तो उसने कहा,
“बच्चों, मैं बूढ़ा हो चुका हूं, यह लकड़ी का बंडल मुझसे नहीं टूटेगा। क्या तुम में से कोई इसे तोड़ सकता है?”
🔹 किसान का बड़ा बेटा बोला – “अरे, इसे तो मैं एक बार में ही तोड़ दूंगा!”
लेकिन उसने कोशिश की और बंडल को नहीं तोड़ पाया।
🔹 दूसरा बेटा बोला – “भैया, ये आपके बस की बात नहीं है, मैं इसे तोड़ूंगा।”
उसने भी पूरी ताकत लगाई, लेकिन लकड़ी का बंडल नहीं टूटा।
बाकी दोनों बेटों ने भी बंडल तोड़ने की कोशिश की, लेकिन कोई भी उसे नहीं तोड़ पाया।
विकास ने अपने बेटों से लकड़ी का बंडल वापस मांगा। अपने पिता को लकड़ी का बंडल वापस करते हुए विकास के बड़े बेटे ने कहा – पिताजी, जब हम इसे नहीं तोड़ पाए, तो आपको क्यों लगता है कि आप इसे तोड़ देंगे।
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बच्चों को समझ आई पिता की बात
विकास ने अपने बेटे की बात को अनसुना करते हुए चारों बेटों को एक एक लकड़ी दी और उनसे कहा – अब इसे तोड़कर बताओ। किसान के चारों बेटे ने उस लकड़ी को आसानी से तोड़ दिया। अब लड़की टूटने पर करो खुश होने लगे।
तब किसान ने कहा,
“देखा जब तक ये लकड़ियां एकसाथ थी इन्हें तोड़ पाना मुश्किल था। लेकिन जैसे ही ये अलग अलग हुई तुम लोगों ने इसे आसानी से तोड़ दिया। जिन्दगी भी ऐसी ही है l, जब तक तुम चारों भाई मिलजुल एक साथ रहोगे तब तक तुम्हें कोई भी नहीं हर पायेगा। पर जैसे ही तुम अलग अलग हो हो जाओगे तो कोई भी तुम्हे आसानी से हर देगा। क्योंकि संगठन में ही शक्ति है, तो हमेशा संगठित रहो।”
अपने पिता की ये बात चारों बेटों को अच्छे से समझ आ गई। इसके बाद चारों बेटे मिलजुलकर रहने लगे और अपने पिता की सेवा करने लगे। अपने बच्चों को एकसाथ देखकर विकास खुश हो गया और वो उनके भविष्य को लेकर भी निश्चिंत हो गया, क्योंकि उसे पता लग गया था कि उसके चारों बेटे अब हमेशा साथ रहेंगे।
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सीख – संगठन में ही शक्ति है
✅ जब आप अपनों के साथ होते हैं, तो आपको हराना मुश्किल होता है।
✅ अगर आप अकेले हो, तो कोई भी आपको आसानी से हरा सकता है।
✅ “एकता में बल है” – यह कहानी हमें यही सिखाती है।