इंटरनेट पर बहुत सारी गिलहरी की कहानियां है, लेकिन आज हम आपको एक अनोखी गिलहरी की कहानी सुनाएंगे। यह कहानी रामायण काल से जुड़ी है। ऐसे में अगर आप अपने बच्चों को अपने धर्म और संस्कृति का ज्ञान देना चाहते है, तो ये कहानी उन्हें पढ़कर जरूर सुनाएं….
आज से हजारों साल पहले जब दुष्ट रावण माता सीता को अगवा करके लंका ले गया, तो हनुमान जी ने समुद्र की सीमा लांघ कर माता सीता का पता लगाया। भगवान राम। को माता सीता को। रावण की कैद से छुड़ाने के लिए लंका जाना चाहते थे, लेकिन इतनी बड़ी वानर सेना को। समुद्र पार करवाना एक बड़ी चुनौती था।
गिलहरी ने भी की पुल बनाने में मदद
ऐसे में वानर सेना ने समुद्र में पुल बनाने का निर्णय किया। उन्होंने पत्थरों पर राम का नाम लिखा और पुल बनाना शुरू कर दिया। वैसे तो पत्थर पानी में डूब जाते है, लेकिन भगवान राम के नाम से वो तैरने लगे। ये देखकर पूरी वानर सेना उत्साह के साथ राम नाम लेकर पुल बनाने लगी।।
उस समय वहां एक छोटी सी गिलहरी भी थी, जो मुंह में कंकड़ पकड़कर नदी में डालती थी। काफी देर से वह ऐसा ही कर रही थी, की अचानक उसे ऐसा करते हुए एक वानर ने देख लिया।
वानर ने उड़ाया मजाक
वानर ने गिलहरी को देखकर कहा, “ तुम ये क्या कर रही हो? यहां से दूर हट जाओ वरना तुम बड़े बड़े पत्थरों के बीच दब जाओगी।”
वानर की बात सुनकर गिलहरी बोली – “मैं पुल बनाने में आपकी मदद कर रही हूं। जिस तरह आप बड़े–बड़े पत्थरों को अपने हाथों से उठाकर समुद्र में फेंक रहे है, उसी तरह में भी इन छोटे–छोटे कंकड़ों को समुद्र में डाल रही हूं।” गिलहरी की बात सुनकर वानर हंसने लगा।
वानर बोला – “तुम्हे क्या लगता है, की ये पुल छोटे–छोटे कंकड़ों से बनेगा? अरे लंका तक पुल बनाना है, तो बड़े–बड़े पत्थरों की जरुरत होगी। तुम व्यर्थ ही अपना समय बर्बाद कर रही हो।” ये सुनकर गिलहरी बहुत ज्यादा उदास हो गई।
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भगवान राम ने की प्रशंसा
भगवान राम दूर से यह सब देख रहे थे। उन्होंने गिलहरी को अपने पास बुलाया, और सभी वानरों के सामने उसके प्रयास की तारीफ की। भगवान राम ने दिखाया कि कैसे गिलहरी द्वारा लाये गए छोटे छोटे कंकड़ पत्थरों ने बड़े पत्थरों के बीच में जाकर उन्हें जोड़ दिया। वानर सेना के सदस्यों की तरह गिलहरी भी पुल बनाने में योगदान दे रही है। भगवान राम की बात सुनकर पूरी सेना ने उसका धन्यवाद किया।
इसके बाद भगवान राम ने प्यार से गिलहरी की पीठ पर हाथ फेरा। कहते हैं कि पहले गिलहरी के शरीर पर लाइन नहीं थी। लेकिन जब इस घटना के बाद रमने उसकी पीठ पर हाथ फेरा तो, भगवान ने गिलहरी के छोटे से शरीर पर अपनी उंगलियों के निशान छोड़ दिए।
उम्मीद है गिलहरी की कहानी आपको पसंद आई होगी। अगर आप अपने बच्चों को कहानियों के माध्यम से ही अच्छी अच्छी बाते सीखना चाहते है, तो उन्हें हमारी Top 10 Moral Stories In Hindi और बच्चों की रात की कहानियां पढ़कर जरूर सुनाए।
🌟 सीख (Moral of the Story)
👉 कभी भी किसी के योगदान को छोटा नहीं समझना चाहिए।
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