घमंडी हाथी और चींटी की कहानी: Elephant & Ant Story In Hindi

बच्चे बहुत ही चंचल होते हैं, ऐसे में रात को उन्हें सुलाना बहुत ही मुश्किल टास्क होता है। लेकिन अगर आप अपने बच्चों को Hindi Kahaniyan पढ़कर सुनाएं तो बच्चे जल्दी ही सो जाएंगे साथ ही उन्हें कुछ ना कुछ सीखने को भी मिलेगा।

तो चलिए हिंदी कहानियों के सफर में आज हम आपको लेकर चलते हैं उत्तरांचल के जंगलों में, जहां एक छोटी सी चींटी हाथी का घमंड तोड़ती है। यह कहानी क्या है चलिए फटाफट से जानते हैं…

हाथी को हुआ अपने आकर पर घमंड 

बहुत समय पहले की बात है। उत्तरांचल के जंगल में सभी जानवर मिल जुल कर रहा करते थे। वहां एक राजू नाम का हाथी भी रहा करता था जिसे अपने आकर पर बहुत ज्यादा घमंड था। वह हमेशा छोटे जानवरों को धमकता था और उनके आकार का मजाक बनाया करता था। 

वह हमेशा कहता – “मैं इस जंगल का सबसे बड़ा जानवर हूं। तुम सबको मेरी बात माननी होगी। अगर तुम मेरी मर्जी के खिलाफ जाओगे तो, मैं तुम्हें अपने पैरों से कुचलकर मार दूंगा”। यह कहकर वह अक्सर हंसने लगता।

हाथी की इन बातों से सभी जानवर परेशान हो चुके थे । लेकिन उनके पास कुछ और ऑप्शन भी नहीं था तो वे उसे झेल रहे थे। 

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हाथी ने तोडा चींटियों का घर 

एक बार की बात है। हाथी अपने घर के पास के बनी चींटी की मांद के पास गया और उनके घरों को तोड़ दिया। अपने टूटे हुए घर देखकर सभी चीटियां रोने लगी। क्योंकि उन्हें पता था कि हाथी उनसे आकार में बहुत बड़ा है और वह इसका कुछ नहीं कर सकती हैं। 

चींटियों को रोता देखकर हाथी हंसा और बोला – “देखा तुम्हारा आकार कितना छोटा है। तुम्हारे घरों को तो मैने एक बार मैं ही तोड़ दिया, और तुम मेरा कुछ नहीं कर पाईं। तभी तो मैं कहता हूं जो आकार में बड़ा होता है वही सबसे ताकतवर होता है”। 

यह कहकर हाथी वहां से चला गया। ‘

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चीटियों ने हाथी को सबक सिखाने की योजना बनाई 

हाथी की बात सुनकर सभी चींटियाँ वहाँ से चुपचाप चली गयी, और फिर से अपना घर बनाने लगी। सभी के घर तैयार होने के बाद एक दिन, चींटियों ने एक सभा बुलाई। उन्हें पता था कि हाथी उन्हें परेशान करने जरूर आएगा, ऐसे में उन्होंने हाथी को सबक सिखाने का फैसला किया। 

अगले दिन जब हाथी चींटियों की मांद के पास आया, तो सबसे बूढ़ी चींटी उसके सामने आकर खड़ी हो गई ओर उसे ललकारने लगी। 

चींटी बोली – “दुष्ट हाथी तुम फिर से हमारा घर बर्बाद करने के लिए आ गए,  रुको आज हम तुम्हें सबक सिखाएं बिना जाने नहीं देंगे”। 

चींटी की बात सुनकर हाथी हंसा और बोला – “तुम लोग इतने से हो, तुम मेरा क्या ही बिगाड़ लोगे”। 

हाथी के इतना बोलते ही चींटियां तुरंत अपनी योजना के अनुसार उसके शूंड में घुस गई, और उसे काटने लगी। हाथी इन सब के लिए तैयार नहीं था। वो अब दर्द से करहाने लगा। 

चींटियाँ इतनी छोटी थी कि वह उन्हें पकड़ नहीं पा रहा था। और चींटियां उसके शूँड के अंदर होने के वजह से वह चाहकर भी कुछ नहीं कर सकता था। 

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हाथी ने मांगी अपनी गलती की माफी 

हाथी को अब अपनी गलती का एहसास हो चुका था। उसने चीटियों से कहा है “कृपया मुझे माफ कर दो,  मैं समझ चुका हूं कि सिर्फ शरीर बड़ा होने से कुछ नहीं होता है। एक छोटा सा जानवर भी आपको परेशान कर सकता है। कृपा करके मेरी सुंड से बाहर निकल आओ मैं अब किसी से कुछ नहीं कहूंगा।” 

उसकी ये पीड़ा देखकर चींटियों को भी दया आई और सारी चिंटियाँ शूंड़ से बाहर निकल आई। इसके बाद हाथी ने चींटियों और उन सभी जानवरों से माफी मांगी जिन्हें उसने धमकाया था। 

इस घटना के बाद हाथी पूरी तरह से बदल गया। अब वह सभी जानवरों के साथ हंसी-खुशी मिलजुल कर रहने लगा। जानवर भी उससे डरने की बजाय उसके साथ उछल कूद करके खेलने लगे थे। 

सीख 

आकर मायने नहीं रखता है, अगर आप में बुद्धि है तो आप बड़ी से बड़ी मुसीबत का आसानी से सामना कर सकते हैं। 

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