यह उन दिनों की बात है जब भारत में फेसबुक का क्रेज था। उस समय हर कोई फेसबुक पर घंटों समय बिताया करता था। अरुण भी इन्हीं फेसबुक यूजर्स में से एक था। वह दिल्ली का एक साधारण सा लड़का था, जो नोएडा के एक बड़े से मीडिया हाउस में जर्नलिस्ट की जॉब करता था। अरुण को नए नए लोगों से मिलना और उन्हें जानना बहुत पसंद था।।
खाली समय में वह फेसबुक चलाया करता था। एक दिन फेसबुक स्क्रॉल करते समय उसकी नजर एक प्रोफाइल पर पड़ी। Dp में एक लड़की की फोटो थी, जिसकी मासूम सी आंखे और प्यारी सी मुस्कान थी। इस लड़की का नाम था “ईशानी”। वह उदयपुर में रहती थी और प्रोफेशनल शेफ थी। ईशानी की प्रोफाइल देखकर अरुण के मन में अजीब सी हरारत हुई, और उसने उसे फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज दी।
ईशानी ने दो दिन बाद रिक्वेस्ट एक्सेप्ट की। यह देखकर अरुण बहुत खुश हुआ और उसने ईशानी को हाय का मैसेज कर दिया। ईशानी ने रिप्लाई किया और दोनों की बातें शुरू हो गई।
अरुण – “हाय! कैसी हो? तुम्हारी प्रोफाइल बहुत अच्छी लगी। तुम कैसी हो?”
ईशानी – “थैंक यू, मैं ठीक हूं, तुम बताओ”।
देखते देखते दोनों की बातें बढ़ने लगी और दोनों दोस्त बन गए। अरुण ऑफिस से आते ही ईशानी को मैसेज करता। ईशानी भी कुकिंग टाइम के बीच उसके लिए वक्त निकाल ही लेती थी। दोनों के एक दूसरे के नंबर लिए और कॉल पर बात करने लगे। दोनों की बातें घंटों चलती, कभी पुराने स्कूल के किस्से, कभी अपने सपने, तो कभी फेवरेट फिल्में, पॉलिटिक्स की बातें, तो कभी करियर। दोनों अब हर छोटी बड़ी बात को एक दूसरे के साथ शेयर करने लगे।
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लगभग 6 महीने बीत गए। अरुण को अब अहसास हो गया कि उसके मन में ईशानी के लिए प्यार से बढ़कर और भी कुछ है। एक दिन उसने बड़ी हिम्मत करके लिखा — “ पता नहीं यह पढ़कर तुम्हें कैसा लगेगा, पर शायद अब मैं तुम्हे प्यार करने लगा हूं। तुम्हारे बिना अब सब कुछ अधूरा सा लगता है। मैं तुम्हें प्यार करने के लिए फोर्स नहीं करूंगा। अगर तुम मुझे पसंद नहीं करती हो तो तुम मुझे मना कर सकती हो।”
अरुण का मैसेज पढ़कर ईशानी का दिल जोर-जोर से धड़कने लगा। थोड़ी देर बाद उसने जवाब दिया —”मुझे भी यही महसूस होता है अरुण। मैं भी तुमसे प्यार करने लगी हूँ।”
यह पढ़कर अरुण खुशी से झूम उठा। दोनों के बीच बातें अब फेसबुक चैट से कॉल और वीडियो कॉल्स तक पहुंच गई। काफी दिनों के बाद दोनों ने मिलने का प्लान बनाया। ईशानी ने कहा, “ तुम उदयपुर आ जाओ, हम मिल भी लेंगे और मैं तुम्हें उदयपुर भी घूमा दूंगी। यहां की सुंदरता देखकर तुम्हारा दिल बाग बाग हो जाएगा।”
अरुण पहली बार ईशानी से मिलने उदयपुर गया। दोनों मिलकर सड़कों पर घूमे, चाट खाई, झील के किनारे बैठे और भविष्य के सपनों की बातें कीं। देखते देखते 2 साल बीत गए। ईशानी और अरुण अब एक दूसरे को समझने लगे, समय के साथ दोनों का प्यार भी बढ़ने लगा।
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आखिरकार अरुण ने ईशानी के घरवालों से रिश्ता मांगा। शुरू में ईशानी के घरवाले इस शादी के खिलाफ थे पर अपनी समझदारी से अरुण ने सबका दिल जीत लिया और सबको शादी के लिए मना लिया। बड़े ही धूम धाम से दोनों की शादी हुई।
अब अरुण और ईशानी अपनी शादीशुदा ज़िंदगी में बहुत ज्यादा खुश हैं।
कभी-कभी दोनों अपने फेसबुक चैट के पुराने स्क्रीनशॉट देखते हैं और मुस्कुरा उठते हैं — सोचते हैं कि कैसे एक रिक्वेस्ट ने उनकी ज़िंदगी बदल दी।
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