Chalak Lomdi Aur Kauwa Ki Kahani In Hindi: Crow And Fox Story In Hindi

सोनगढ़ के जंगल में एक चालाक लोमड़ी रहती थी जिसका रंग सुनहरा भूरा था। उसकी आँखें चमकदार और चालें इतनी चुपचाप कि जिस रस्ते से वो गुजरती थी, कि वहां पत्ते भी नहीं खड़खड़ाते।

उसे अपनी चालाकी पर काफी नाज था । हर रोज़ वह कुछ नया करती, कभी किसी को शरारत में फँसा देती, तो कभी अपनी चतुराई से किसी जानवर को अपनी चतुराई से उल्लू बना देती।

भूख से बेहाल हुई लोमड़ी

एक बार की बात है, एक दिन लोमड़ी बहुत ज्यादा भूखी थी। अपनी भूख मिटाने के लिए वह जंगल में इधर-उधर घूम रही थी, लेकिन उसे कुछ भी खाने को नहीं मिला। पूरा जंगल घूमने के बाद वह थक हार कर एक पेड़ के नीचे बैठ गई। गर्मी बहुत ज्यादा थी तो पेड़ की ठंडक उसे बहुत ज्यादा सुकून दे रही थी । 

लोमड़ी खाने के बारे में सोच ही रही थी, कि अचानक उसकी नजर पेड़ पर बैठे कौवे पर पड़ी। वह रोटी देखकर लोमड़ी के मुंह में पानी आ गया और वह कौवे से उसे रोटी को छीनने की तरकीब सोचने लगी। 

कौवे से रोटी छीनने के लिए लोमड़ी ने सुझाई अनोखी तरकीब 

सोचते सोचते लोमड़ी के दिमाग में एक आइडिया आया। उसने ऊपर बैठे कौवे से कहा – “अरे कौवा भैया आप यहां बैठे हो, मैं आपको पूरे जंगल में ढूंढ रही थी”। 

कौवा उसकी बात सुन ही रहा था कि तभी उसने दुबारा कहा – मैंने आपकी बहुत प्रशंसा सुनी है। सुना है तुम बहुत अच्छे गीत गाते हो और तुम्हारी सुरीली मधुर आवाज़ के सभी दीवाने हैं। मैं भी आपकी आवाज में एक गीत सुनना चाहती हूं, क्या आप मुझे गीत नहीं सुनाओगे ?

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चालाक लोमड़ी की बातों में आया कौवा

kauwa aur lomdi ki kahani

अपनी प्रशंसा सुनकर कौवा बहुत ज्यादा प्रसन्न हो गया। वह लोमड़ी की मीठी-मीठी बातों में आ गया और बिना कुछ सोचे समझे गाना गाने के लिए मुंह खोल दिया। 

कौवे ने जैसे ही गाना गाने के लिए मुंह खोला रोटी का टुकड़ा नीचे जमीन पर गिर गया। लोमड़ी ने झट से उस टुकड़े को उठाया और वहां से भाग गई ।  

भागते-भागते लोमड़ी बोली – “अरे कौवे भाई, तुम तो सच में बहुत नादान हो । क्या तुमने अपने आप को कोयल समझा लिया था, जो तुम्हारी बोली बहुत मीठी होगी।  मैं तो तुमसे मजाक कर रही थी, अगली बार यूं किसी की बातों में न आना”।

लोमड़ी की चालाकी से उसे अपना खाना तो मिल गया, लेकिन कौवे को अपनी मूर्खता पर पछताना पड़ा।

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सीख

  • झूठी प्रशंसा करने वाले लोगों से बचकर रहो। 

तो दोस्तों, लोमड़ी की कहानी आपको कैसी लगी कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। अगर आपको अपने बच्चों को इसी तरह की और भी मज़ेदार कहानियां सुनानी हैं, जिनसे उन्हें कोई न कोई सीख मिले तो आप हमारी अन्य Moral Story In Hindi पढ़ सकते हैं। 

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