सालों पहले फ्रांस के एक शहर में सिंड्रेला नाम की एक लड़की रहती थी, जो बहुत ही सुंदर और दयालु थी। बचपन में ही उसकी मां गुजर गई थी। सिंड्रेला अक्सर अपनी मां की कब्र पर जाकर रोया करती थी। उसके पिता बहुत अमीर थे ऐसे में उसकर मां के मरने के बाद उन्होंने दूसरी शादी कर ली। जिस औरत से उन्होंने शादी की थी, उसके दो बच्चियां थी जो शादी के बाद अब उन्हीं के साथ रह रही थीं।
सिंड्रेला बहुत ही साधारण तरीके से रहती थी, जबकि उसकी दोनों बहने बहुत सारा मेकअप लगाया करती थी। लेकिन फिर भी सिंड्रेला उनसे ज्यादा सुंदर लगती थी। इसी वजह से सिंड्रेला की सौतेली मां और उसकी सौतेली बहने उससे जला करती थी।
सौतेली मां ने किया नौकरानियों जैसा बर्ताव

एक दिन सिंड्रेला के पिता को किसी काम के लिए दूसरे देश जाना पड़ा। उसके पिता के जाने के बाद ही सौतेली मां ने सिंड्रेला के साथ बुरा बर्ताव करना करना शुरू कर दिया। सबसे पहले उसने सिंड्रेला को उसके कमरे से बाहर निकाला और उसे नौकरानी वाला कमरा दे दिया। इसके बाद उन्होंने उसके कपड़े भी ले लिए और उसके साथ नौकरानियों जैसा बर्ताव करना शुरू कर दिया।
उसकी सौतेली मां ने सभी नौकरानी को घर से निकाल दिया और घर की साफ सफाई, खाना बनाना, कपड़े धोना आदि काम वो सिंड्रेला से ही करवाने लगी। बेचारी सिंड्रेला के पास काम करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था। उसके पिता भी यहां नहीं थे, ऐसे में उसे अपनी सौतेली मां और बहनों के ताने सुनते हुए सारे काम करने पड़ते थे।
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सिंड्रेला ने बनाया जानवरों को अपना दोस्त
पूरे शहर में सिंड्रेला का कोई और दोस्त भी नहीं था। एक दिन सिंड्रेला अपने स्टोर रूम वाले कमरे में रो रही थी, की तभी एक चूहा वहां आया। उसने अपनी बातों से सिंड्रेला को चुप करवाया और हंसाया। इस दिन के बाद से वह चूहा उसका दोस्त बन गया धीरे-धीरे आसपास के कुछ और जानवर जैसे चिड़िया, कबूतर और खरगोश भी उसके दोस्त बन गए।
सभी जानवर रात के समय अक्सर उसके कमरे में उसका दुख बांटने और उसके साथ खेलने के लिए आज आया करते थे। सिंड्रेला की जिंदगी ऐसे ही कट रही थीं, लेकिन शायद वो इस बात से पूरी तरह से अनजान थी कि आने वाले दिनों में उसकी जिंदगी पूरी तरह से बदलने वाली है।
जिस देश में सिंड्रेला रहती थी, वहां का राजकुमार बहुत ही ज्यादा सुंदर था। एक दिन राजकुमार के पिता ने नगर में घोषणा करवाई – “राजकुमार की शादी के लिए एक समारोह का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें नगर की सभी शादी योग्य लड़कियों को आमंत्रित किया जाता है। राजकुमार इन लड़कियों में से ही किसी एक को अपनी पत्नी बनाएंगे।”
ये घोषणा सुनकर सिंड्रेला की दोनों सौतली बहने अपनी मां के पास गई और उसे पूरी बात बताई। उनकी मां के कहा कि इस समारोह में सबसे सुंदर तुम दोनों ही लगोगी। राजकुमार का विवाह तुम दोनों में से किसी एक के अलावा किसी और के साथ नहीं होगा।
इस बात को सिंड्रेला ने भी सुना और अपनी सौतेली मां के सामने उसने भी समारोह में जाने की इच्छा जाहिर की। लेकिन सिंड्रेला की बात सुनकर उसकी दोनों बहने उसका मजाक बनाने लगी, और बोली – राजकुमार सुंदर लड़की से शादी करना चाहते हैं ना कि किसी नौकरानी से। जरा अपने कपड़े तो देखो कितने फटे और पुराने हैं। ये कहकर वो तीनों जोर–जोर से हंसने लगी। बेचारी सिंड्रेला मायूस होकर रह गई।
आखिरकार समारोह का दिन आ ही गया। दोनों बहने समारोह में जाने के लिए बहुत ही महंगी ड्रेस और गहने बनवाए थे। सिंड्रेला ने तैयार होने में उनकी मदद भी की। उसे लगा कि अगर वह उनकी मदद करेगी तो, शायद वो उसे अपने साथ ले जाने के लिए तैयार हो जाएंगे पर ऐसा नहीं हुआ। तीनों एक महंगे रथ में बैठकर वहां से निकल गई।
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परी के जादू ने किया कमाल
उनके जाने के बाद सिंड्रेला बहुत उदास हो गई और रोने लगी। वो रो ही रही थी की तभी उसके सामने एक तेज रोशनी आई, जिसमें से एक परी निकली। परी ने सिंड्रेला से कहा – मैं जानती हूँ, की तुम्हें भी उस समारोह में जाना है। मैं इसमें तुम्हारी मदद कर सकती हूं, लेकिन मुझे एक कद्दू ओर चार चूहे चाहिए।
सिंड्रेला कुछ समझ नहीं पाई, लेकिन रसोई से वो एक कद्दू और स्टोर रूम से अपने चूहे दोस्तों को बुला लाई। परी ने अपने जादू से चूहों को घोड़ा और कद्दू को रथ में बदल दिया।
यह सब देखकर सिंड्रेला को अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हुआ। इससे पहले कि वह कुछ पूछ पाती, परी ने अपनी छड़ी घुमाई और सिंड्रेला के कपड़ों को सुंदर से गाउन में बदल दिया। सिंड्रेला के गले में हीरो का हर था और पैरों में सुंदर से सैंडल चमचम आ रहे हैं। यह सब देखकर वह बहुत ज्यादा खुश हो गई और परी को धन्यवाद करने लगी।
परी ने सिंड्रेला से कहा – “मेरे जादू से तुम एक सुंदर राजकुमारी बन गई हो अब तुम उसे समझ में जा सकती हो । लेकिन हां, तुम्हें ध्यान रखना कि तुम रात के 12:00 से पहले घर पहुंच जाओ, क्योंकि 12:00 बजे के बाद मेरा जादू पूरी तरह से खत्म हो जाएगा और तुम्हारे कपड़े वापस से पहले जैसे हो जाएंगे । तो तुम्हें ध्यान रखना होगा।
सिंड्रेला ने परी की बात को स्वीकारा करते हुए उसे धन्यवाद कहा और बग्गी में बैठ कर महल की ओर निकल पड़ी। सिंड्रेला जैसे ही समारोह स्थल पर पहुंची तो उसके अनोखे रथ को देखकर हर कोई बहुत चक्कर रह गया। सिंड्रेला जैसे ही रथ से बाहर आई हर किसी की नजर उस पर आ टिकी।
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सिंड्रेला पर आया राजकुमार का दिल
आज सिंड्रेला बहुत ज्यादा सुंदर लग रही थी। ऐसा लग रहा था कि मानो कोई परी आसमान से उतर आई है। उसकी सौतेली मां और बहने भी वहीं थीं, लेकिन वे तीनों भी उसे पहचान नहीं पाए।
थोड़ी ही देर में राजकुमार भी वहां आ गए। हर कोई उनकी तरफ देखने लगा, लेकिन जैसे ही राजकुमार की नजर सिंड्रेला पर पड़ी, वे उसे देखते ही रह गए। नगर की सभी लड़कियों को नजरअंदाज करते हुए, राजकुमार सीधे सिंड्रेला के पास गए और अपना हाथ उसकी ओर बढ़ाते हुए कहा कि – “क्या आप मेरे साथ डांस करना पसंद करेंगी?”
सिंड्रेला ने शर्माते हुए अपना हाथ राजकुमार के हाथ में दे दिया और दोनों डांस करने लगे। डांस करते करते सिंड्रेला की नजर घड़ी पर पड़ी, जिसमे 12 बजने में सिर्फ 15 मिनट ही बाकी थे। समय देखकर उसे परी की बात याद आ गई और वह घबराहट में बिना कुछ बोले वहां से भागने लगी।
उसे ऐसे भागते हुए देखकर राजकुमार उसके पीछे-पीछे दौड़े, पर वो उसे रोक नहीं पाए। हड़बड़ाहट में सिंड्रेला का एक जूता महल की सीढ़ियों पर ही छूट गया। सिंड्रेला फटाफट अपनी बग्गी में बैठी और घर को लौट गई। राजकुमार जब उसे ढूंढते हुए वहां आए तो उन्हें सिंड्रेला का सैंडल मिला। राजकुमार के पास यह सिंड्रेला की एकमात्र निशानी थी जिससे उन्होंने उसे ढूंढने का ठाना।
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क्या सिंड्रेला को मिल पाएगा उसके सपनों का राजकुमार?
अगले दिन राजकुमार ने अपने सिपाहियों को बुलाया और उन्हें जूता थमाते हुए कहा – कल समारोह में एक लड़की ये सैंडल पहन कर आई थी, तुम पूरे नगर में इस लड़की को ढूंढो। सिपाही वह सैंडल लेकर उसे ढूंढने के लिए निकले । लेकिन जैसे ही वह किसी लड़की को वह सैंडल दिखाते तो हर कोई लड़की उसे अपना सैंडल बताने लगती। ऐसे में सिपाहियों के लिए उसे ढूंढना बहुत ज्यादा मुश्किल हो गया।
अंत में राजकुमार ने खुद उस लड़की को ढूंढने का निश्चय किया जिसमें उनका दिल जीता। राजकुमार वो सैंडल लेकर समारोह में आने वाली हर लड़की के घर गए। उन्होंने हर लड़की को सैंडल पहना कर देखा। किसी को सैंडल छोटा पड़ रहा था और किसी को बड़ा। सारा शहर घूमने के बाद, आखिर में राजकुमार सिंड्रेला के घर पहुंचे।
ये आखिरी घर था, जहां से लड़कियां उस समारोह में गई थीं। सिंड्रेला की दोनों सौतेली बहाने घर से बाहर आई। दोनों बहनों ने उस सैंडल को पहनने की कोशिश की, लेकिन वो नाकाम रही।
उस समय सिंड्रेला अपने घर के पीछे वाले बगीचे में कपड़े सुखा रही थी। वो राजकुमार के ख्यालों में खोई हुई थी, की इतने में ही उसके दोस्त चूहे ने उसे राजकुमार के आने की खबर दी। सिंड्रेला राजकुमार से मिलने के लिए जा ही रही थी कि उसकी सौतेली मां ने उसे रोक लिया और बोली – “ तुम तो समारोह में गई ही नहीं थी तो तुम क्यों बाहर जा रही हो, चुपचाप काम करो।” अपनी सौतेली मां की बात सुनकर सिंड्रेला रोने लगी।
सिंड्रेला की आवाज सुनकर राजकुमार वहां आए और उन्होंने उसे देखा – सिंड्रेला बहुत ही साधारण ड्रेस में थी, लेकिन उन्हें उससे एक कनेक्शन महसूस हो रहा था। राजकुमार ने सिंड्रेला को भी सैंडल पहनने का मौका दिया। उसने जैसे ही उसने पैर सैंडल में डाला, वह आसानी से उसके पैर में आ गया। यह देख कर राजकुमार ने सिंड्रेला से पूछा, “क्या यह सैंडल आपका है?” इस पर सिंड्रेला ने हां में अपना सिर हिलाया।
सिंड्रेला का सपना हुआ पूरा
उसे देखकर राजकुमार बहुत खुश हुए और उन्होंने सिंड्रेला के सामने शादी का प्रस्ताव रखा। सिंड्रेला ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। अंत में राजकुमार और सिंड्रेला की शादी हो गई और वो हमेशा खुशी-खुशी महल में रहने लगे।
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