Birds Story In Hindi: गुस्सैल तोते और शांत मैना की कहानी

पुराने समय की बात है, रामपुरा के जंगल में जानवरों का एक गांव था जहां कई तरह के पक्षी रहते थे। सभी पक्षी मिल के रहा करते थे, इन्हीं में एक तोता और मेना भी थे। दोनों बहुत ही अच्छे दोस्त थे। 

गुस्सैल स्वभाव का तोता और शांत मैना 

तोता बहुत ही खुशमिजाज किस्म का व्यक्ति था, जो हमेशा चहकता और खुश रहता था। लेकिन उसमें एक बुरी आदत भी थी, वह बहुत ही जल्दी चिढ़ जाता था और गुस्से में किसी को कुछ भी कह देता था। इसके उलट मैना बहुत ही शांत और धैर्यवान थी। उसकी बातों से हमेशा लोगों का मन शांत हो जाता था। 

मैना हमेशा अपने दोस्त तोते को समझाती रहती कि वह कम गुस्सा किया करे, लेकिन तोता हमेशा उसकी बात को मजाक में उड़ा देता। समय बीतता गया, एक दिन गांव में बहुत भयंकर तूफान आया और सबकुछ तहस नहस हो गया। 

तोते को मिला फलों का पिटारा 

सारे पक्षी अपने–अपने घोंसलों में छिप गए। जब तूफान खत्म हुआ तो, तोता और मैना खाने की तलाश में निकले। तभी उनकी नजर आम के एक पेड़ पर पड़ी। तूफान की वजह से बहुत सारे आम जमीन पर गिर गए थे। इतने सारे आम देखकर तोते ने मैना से कहा, “इस जगह हम पहले पहुंचे है, तो ये सारे फल हमारे है, तुम दया में आकर ये फल कोयल, कबूतरों और बगुला को बांट मत देना।” 

यह भी पढ़ें: 10 मजेदार कहानियां

बगुले के साथ किया बुरा व्यवहार 

इस पर मैना कुछ नहीं बोली। दोनों ने फल खाना शुरू किया, इतने में वहां एक  बगुला आ पहुंचा। वह भी भूखा था, तो उसने उन फलों को खाने की कोशिश की। जैसे ही वह फल खाने के लिए आगे बढ़ा तोता तुरंत गुस्से में आ गया और बोला, “यहां हम पहले पहुंचे है, तो ये सारे फल हमारे है, तुम यहां से चले जाओ।” तोते ने बगुले को वहाँ से भगा दिया। 

यह देख मैना ने तोते को समझाया, “तुम्हे ऐसा नहीं करना चाहिए था। अगर हमारे पास कोई चीज ज्यादा है, तो हमे उसे दूसरों के साथ बाँटना सीखना चाहिए। अगर हम दूसरों के लिए थोड़ा सा भी कर सकते हैं, तो वह हमारे जीवन का सबसे सुखद अनुभव होगा।”

तोते ने मैना की बात को पूरी तरह से अनसुना कर दिया और फल खाता रहा। थोड़ी ही देर में उसे प्यास लगी, तो वह तालाब की ओर उड़ा। तोता जब तालाब के पास पहुँचा, तो देखा कि पानी बहुत गंदा हो गया था और उसे वहाँ से पीना संभव नहीं था।

यह भी पढ़ें: दो बकरियों की कहानी

तोते को मिली करनी की सजा

ऐसे में अब वह दूसरे तालाब की ओर गया, काफी दूर उड़ने के बाद उसे एक तालाब दिखा। इस तालाब में साफ पानी था। तोते ने जैसे ही पानी पीने के लिए तालाब में अपनी चोंच डाली, तभी बगुला वहां आ गया। उसने तोते को रोका और बोला, “यह मेरा घर है, तुम यहां से पानी नहीं पी सकते।” 

तोते ने गुस्से में कहा, “कैसी बात कर रहे हो, इस पूरे तालाब पर तुम्हारा अकेले का अधिकार कैसे हो गया?”

बगुल ने जवाब दिया, “ठीक वैसे ही, जैसे पहले आम के पेड़ के पास पहुंचने पर वो सारीफल तुम्हारे हो गए थे। यह तालाब अब हमारा है, तुम तो यहां से पानी नहीं पी सकते।” 

बेचारे तोते को वहां से प्यासे ही लौटना पड़ा, और उसे उसी गंदे तालाब से पानी पीना पड़ा। यह घटना सुनकर मैना ने तोते से कहा, “यदि तुमने बगुले को खाना बाँटने दिया होता, तो वह तुम्हें पानी पानी पीने से मना नहीं करता।”

यह भी पढ़ें: Sher Ki Kahani

गलती के अहसास ने बदला तोते का व्यवहार 

तोते को अब मैना की बात समझ आई और उसे अब अपनी करनी पर पछतावा होने लगा। उसने महसूस किया कि यदि उसने बगुले के साथ अच्छा व्यवहार किया होता, तो शायद उसे भी मदद मिलती। अगले दिन उसने बगुले से माफी मांगी। इस घटना के बाद तोते ने सभी पक्षियों के साथ दोस्ती करना और चीजें बाँटना सीख लिया।

सीख : 

कोई भी चीज मिल बांटकर खाने से आपके रिश्ते और भी मजबूत बनते हैं। 

Leave a Comment