यह एक अनोखे बंदर की कहानी है, जो रोज खाना खाने के लिए एक ऐसी तरकीब खोजता है, जिसमें उसे खाना ढूंढना ही नहीं पड़ता। जंगल के सभी जानवर खुद उसे अपना आधा खाना लाकर देते हैं।
अगर आपको भी बंदर की इस तरकीब का पता लगाना है, तो कहानी को पूरा जरूर पढ़े। तो चलिए शुरू करते हैं…..
सुंदरवन जंगल में एक बंदर अपने परिवार के साथ रहा करता था। बंदर आलसी था, ऐसे में वह काम करने से बचना चाहता था। लेकिन अपने परिवार को भोजन खिलाने के लिए वह जंगल में जाता था। जंगल में उसे बहुत कम खाना मिल पाता था। जिससे वह बहुत परेशान भी हो गया था।
एक दिन बंदर की पत्नी बोली – “क्या तुम अपने बच्चों को भर पेट खाना भी नहीं खिला सकते, तुम कुछ करो ना।”
इस पर बंदर बोला, “मैं क्या करूं, जंगल में मुश्किल से ही। खाना मिल पता है, उपर से हाथी पेड़ के सारे केले खा जाता है। अगर मैं पेड़ पर चढ़ूं भी तो वो उसे हिलाकर मुझे गिरा देता है।”
खाने की तलाश में गांव की ओर निकला बंदर
ऐसे में बंदर ने गांव जाने का विचार किया और अपनी पत्नी से कहा, “ मैं सोच रहा हूं। थोड़े दिनों के लिए में पास के गांव चला जाता हूं। मैंने सुना है की वहां बहुत सारा खाना मिल जाएगा। अगर वहां पर सब कुछ ठीक रहा तो थोड़े दिनों में मैं तुम लोगों को भी वहां ले जाऊंगा। तब तक तुम जंगल में रहो तीन चार दिनों का खाना मैने इकट्ठा कर दिया है, थोड़े दिन तुम अपना ध्यान रखना।”
यह कहकर बंदर गांव में चला गया। वहां उसे अच्छा खाना मिलने लगा। गांव के लोग घरों की छत पर और मंदिरों में बंदरों के लिए खाना रखते थे। ऐसे में उसे यहां खाने की कोई कमी नहीं थी। वह गांव से खाना इक्कठा करके जंगल में अपनी पत्नी को देकर आने लगा।
एक दिन बंदर को अपने परिवार की याद आने लगी। वो अक्सर सोचता कि, काश जंगल में भी खाने की इतनी ही व्यवस्था होती, तो आज उसे खाने के लिए गांव में अकेले न रहना पड़ता। वह यह सोच ही रहा था कि, तभी उसने देखा कि, एक जादूगर जादू दिखा रहा है, जिसे देखकर सभी गांव वाले ताली बजा रहे हैं और जादूगर को पैसे दे रहे हैं।
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जादूगर को देखकर आया आइडिया
जादूगर की जादूगरी देखकर बंदर के दिमाग में जबरदस्त आइडिया आया। उसने सोचा, “क्यों न मैं भी जादू दिखाना सीख जाऊं? अगर ऐसा हो गया तो जंगल के जानवर मुझे भी खाना लाकर ले दिया करेंगे। इस तरह से मुझे न तो मेहनत करनी होगी और ना ही अपने परिवार से दूर रहना पड़ेगा।”
यह सोचकर वह जादूगर के पास गया और उससे जादू सीखने की मांग की। काफी महीने उसने जादूगर के पास जादू करना सीखा। जादूगर से तरह–तरह के करतब सीखने के बाद एक दिन बंदर जादूगर की टोपी और सामान चुरा कर जंगल की ओर निकला।
जंगल पहुंचकर उसने अपनी पत्नी से कहा, “अरे भाग्यवान सुनती हो, अब मुझे अपना घर छोड़कर गांव में नहीं रहना होगा। मैं गांव के जादूगर से जादू सीखकर आया हूं, अब तुम देखती जाओ कि मैं कैसे इस जड़ी अपने खाने की व्यवस्था बैठता हूं। यह कहकर शहर से लाई गठरी उसने अपने परिवार के। सामने खोल के रख दी।
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जंगल में चला बंदर जादूगर का जादू
अगले दिन बंदर टोपी और शर्ट पहनकर जंगल के चौपाल में गया। वहां सभी जानवर उसे इस तरह देखकर हंसने लगे। एक मेंढ़क बोला, “अरे बंदर भाई, गांव जाकर क्या इंसानी हवा लग गई है, जो इस तरह के कपड़े पहने हुए हो?। वहीं हाथी बोला, “ये सिर पर क्या पहना हुआ है?”
तभी बंदर बोला, “मेरे प्रिय जंगल वासियों, आज मैं आप सबको जादू दिखाऊंगा, जो आपने कभी नहीं देखा होगा।” यह कहकर वह जादू दिखाने लगा।
उसने एक मेज पर बंदर से केले रखने को कहां और और उन केलों को कपड़े से ढककर उसने 5 सेकेंड में गायब कर दिया। जंगल के भोले भाले जानवर उसके जादू को देख कर आश्चर्यचकित रह गये, और जोर जोर से ताली बजाने लगे।
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दरअसल बंदर ने टेबल के बीच में सुराख कर रखा था। जिसपर उसने फटा हुआ कपड़ा बिछा दिया। टेबल के नीचे उसने अपनी पत्नी को बिठाया, ओर उसे समझा दिया कि, जैसे ही वह टेबल पर कपड़ा रखे वह उस पर रखे समान को नीचे खींच ले। बंदर का जादू सभी जानवरों को बहुत ज्यादा पसंद आया। इसके बदले में उन्होंने बंदर को कुछ न कुछ खाने को दिया।
बंदर अब जादू के साथ साथ करतब भी दिखाने लगा, जिससे जंगल के जानवरों का मनोरंजन होता और वह उसे उसके बदले में अपने भोजन का कुछ हिस्सा देते। इस तरह बंदर की मेहनत से उसके परिवार का पेट भरने लगा, और उसे अपने परिवार से दूर भी नहीं जाना पड़ा।
बंदर की कहानी कैसी लगी, कमेंट करके जरूर बताएं। बंदर की और भी मज़ेदार कहानियां पढ़ने के लिए हमारे ब्लॉग पर Panchtantra Ki Kahaniyan जरूर पढ़ें।
सीख :
- मेहनत से कभी भी कतराना नहीं चाहिए।
- हमेशा कुछ न कुछ नया सीखते रहें।
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