पूस की रात: मुंशी प्रेमचंद की कहानी
पूस महीने की उस कड़कड़ाती ठंड में हल्कू उस रात का अकेला पहरेदार था, जो खेत की रखवाली करने निकला था। कोहरे ने चारों और से खेतों को ढका हुआ था, हाड़ कंपा देने वाली सर्दी में दूर कहीं कुत्ते भौंक रहे थे। पर क्या उस रात सिर्फ ठंड ही उसकी असली दुश्मन थी? या … Read more