भेड़िया की कहानी: चालाकी से शेर को बेवकूफ बनाया

ये कहानी एक ऐसे चालाक भेड़िए की है, जिसने अपनी सूझ–बूझ से जंगल के राजा शेर को बेवकूफ बनाया और अपनी जान बचाई। तो अगर आपको जानना है कि भेड़िए ने क्या चालाकी दिखाई तो आज इस भेड़िया की कहानी को पूरा पढ़कर जरूर जाइएगा…

पुराने समय की बात है, जंगल के बाहर एक गुफा थी जिसमें भेड़िया रहा करता था। दिनभर वह खाने की तलाश में जंगल में घूमता और रात को गुफा में आकर आराम से सो जाता। 

एक बार जंगल का राजा शेर शिकार की तलाश करते – करते उस गुफा तक पहुंचा। शेर ने सोचा जरूर इस गुफा में कोई जानवर है, ये सोचकर वह गुफा में चला गया। लेकिन उसे वहां कोई जानवर नहीं मिला। शेर गुफा से बाहर ही जा रहा था, की उसने सोचा – “इस गुफा में कोई न कोई जानवर तो जरूर होगा, क्यों न शाम तक रुक कर इंतजार कर लिया जाए?” ये सोचकर वह गुफा में छुप कर बैठ गया। 

शाम होते ही भेड़िया अपनी गुफा की तरफ आया। वह गुफा के अंदर जा ही रहा था, की अचानक उसकी नजर गुफाएं अंदर जा रहे निशानों पर पड़ी। उसने देखा कि किसी जानवर के निशान गुफा के अंदर की तरफ तो जा रहे हैं, लेकिन गुफा से बाहर नहीं आ रहे हैं। 

भेड़िया ने सुझाई अनोखी तरकीब 

ये देखकर भेड़िया समझ गया, कि जरूर इस गुफा में कोई शेर या बाघ छुपकर बैठा है। उसे बाहर निकलने के लिए उसके मन में एक तरकीब सुझी। वह गुफा के बाहर खड़ा होकर जोर से बोला – “अरे गुफा, क्या आज तुम रोज की तरह मुझे अंदर नहीं बुलाओगी”। 

शेर अंदर बैठा ये बात सुन रहा था, लेकिन उसने कोई रिप्लाई नहीं किया। भेड़िया फिर से बोला – “लगता है तुम मुझसे नाराज हो, अगर तुम मुझे रोज की तरह प्यार से अंदर नहीं बुलाओगी, तो मैं गुफा में नहीं आऊंगा। ठीक है, अगर तुम मुझे नहीं बुला रही हो तो मैं बाहर जा रहा हूं।” 

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शेर को बनाया बेवकूफ 

गुफा के अंदर बैठा शेर सोच में पड़ गया । मन ही मन वह सोचने लगा – “शायद इसकी गुफा कोई जादुई गुफा है, जो रोज इसे आवाज लगाकर अंदर बुलाती है। लेकिन शायद आज वह मेरे डर की वजह से कुछ नहीं बोल रही है। क्यों ना में ही इसका स्वागत के लूं, जैसे ही ये अंदर आएगा तो मैं इसका शिकार के लूंगा।” 

ये सोचकर शेर बोला – “ है मालिक, मैं आपका स्वागत करती हूं, आइए अंदर आइए।” ये सुनकर भेड़िया जोर जोर से हंसने लगा और बोला – “ क्या तुमने मुझे पागल समझ रखा है?, क्या कोई गुफा भी बोलती है, मैं तो देखना चाहता था कि इस गुफा में कोई जानवर है या नहीं। लेकिन तुम तो बहुत ही बेवकूफ जानवर निकले, मैं तुम्हारे हाथ आने वाला नहीं हूं।” 

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चालाकी से बची भेड़िए की जान 

यह कहकर वह वहां से भाग गया। अपनी चालाकी की वजह से भेड़िया अपनी जान बचाने में कामयाब हुआ, वहीं शेर अपनी बेबकूफी की वजह से भूखा रह गया। 

उम्मीद है भेड़िया की कहानी आपको जरूर पसंद आई होगी। अगर आप अपने बच्चों को इसी तरह के जानवरों की सीख देने वाली कहानियां सुनाना चाहते है, तो आप उन्हें पंचतंत्र की कहानियां पढ़कर सुना सकते हैं। इसके अलावा आप उन्हें Top 10 Moral Stories In Hindi पढ़कर सुना सकते हैं। 

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