क्या आपके बच्चे भी रात को सोने से पहले भूत की कहानियां सुनने की जिद्द करते है? अगर हां, तो आज हम आपको एक ऐसी Horror Story For Kids सुनाएंगे, जिसे मिठाइयां खाने का बहुत शौक था। जंगल में रहकर कैसे ये चुड़ैल अपनी भूख शांत करती है, चलिए जानते हैं। अंत में इस कहानी से आपके बच्चों को एक नैतिक सीख भी मिलेगी, तो कहानी को पूरा जरूर पढ़ें।
पुराने समय की बात है रामगढ़ गांव में श्याम नाम का हलवाई रहता था। वह अपने काम में बहुत ही ईमानदार और मेहंदी था इसकी मिठाइयां आसपास के गांव में काफी फेमस थी। दूर-दूर से लोगों से अपने कार्यक्रमों में मिठाइयां बनवाने के लिए बुलवाते थे।
एक बार पड़ोसी गांव के मुखिया ठाकुर मनोहर सिंह ने अपनी बेटी के विवाह मेरा श्याम हलवाई को उठाया बनवाने के लिए बुलवाया। काम पूरा होने के बाद मुखिया ने शाम को पैसों के साथ-साथ ढेर सारी मिठाई अभी घर ले जाने के लिए दी।
जंगल की चुड़ैल से हुआ श्याम का सामना
श्याम मिठाइयों की गठरियों को लेकर गांव के रास्ते से जाने लगा। जाते-जाते उसे शाम हो गई थी अभी उसे एक जंगल भी पर करना था। यह एक भयानक जंगल था, जिसके बारे में चर्चा थी कि वहां एक चुड़ैल रहती है। हालांकि चुड़ैल को अभी तक किसी ने देखा नहीं था, पर लोगों का कहना था कि वहां से अजीबोगरीब आवाज आती है।
श्याम जल्दी जल्दी चलने लगा, वो सोच रहा था कि वहीं तेज–तेज चलकर इस जंगल को पार कर लेगा। लेकिन इतने में उसे एक आवाज सुनाई दी, यह चुड़ैल की आवाज थी। श्याम ने अपने कदम और तेज कर दिए, लेकिन इतने में ही चुड़ैल श्याम के सामने आ गई।
श्याम चुड़ैल को देखकर बहुत डर गया फिर डर के मारे वहीं रुक गया। श्याम को देखकर चुड़ैल बोली – “अच्छा हुआ तू आ गया मैं कितने दिनों से भूखी थी अब तू मेरा भोजन बनेगा।”
ये सुनकर श्याम डरते हुए बोला – “अगर तुम मुझे खा लोगी तो मेरे परिवार का क्या होगा। कृपया करके मुझे छोड़ दो।”
श्याम की बात सुनकर चुड़ैल – “अगर तुम मेरी भूख शांत कर दोगे, तो मैं तुम्हें छोड़ दूंगी।
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श्याम ने मिठाइयां खिलाकर शांत की चुड़ैल की भूख
ये सुनकर श्याम ने गठरी में बंधी हुई सारी मिठाइयां चुड़ैल को दे दी। भूख के मारे चुड़ैल सारी मिठाइयां खा गई। मिठाइयां इतनी स्वादिष्ट थी, कि वह अब रोज मिठाइयां खाना चाहती थी।
चुड़ैल श्याम से बोली – आज ये मिठाइयां खा कर मेरी भूख शांत हो गई है। लेकिन मैं तुम्हें एक ही शर्त पर यह से जाने दूंगी, और वो ये है कि तुम्हें मुझे रोज मिठाइयां खिलानी होगी। श्याम ने चुड़ैल की ये शर्त मान ली, और वहां से चला गया।
अब श्याम रोज मिठाइयां बनाकर जंगल में लाता और चुड़ैल उन्हें खा लेती। इसके बदले मैं चुड़ैल उसे रोज सोने के सिक्के भी दिया करती थी, ताकि वो ज्यादा से ज्यादा मिठाइयां बना सके। श्याम ने कभी भी सोने की मोहरों का लालच नहीं किया, वह बस अपनी जान बचाने के लिए उसे मिठाइयां बनाकर देता था।
एक दिन श्याम को। किसी काम से जंगल से बाहर जाना पड़ा l ऐसे में उसने अपनी पत्नी रमा को मिठाइयां जंगल में रखकर आने और सोने की मोहर लाने को कहा। रमा मिठाई लेकर जंगल में गई, उसने देखा कि उसके द्वारा रखी गई मिठाइयों को एक चुड़ैल ने खाया, जिसके बाद उसने कुछ सोने की मोहरे लाकर रख दी। रमा उन मोहरों को लेकर अपने घर आ गई।
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लालच में गंवाई जान
रमा इस बात से अनजान थी कि उसकी पड़ोसन शीला उसका पीछा कर रही है। शीला ने ये अब देखा, और उसे सोने का लालच आ गया। अगले दिन वह भी
ढेर सारी मिठाइयां लेकर जंगल जाती है । जहां उसकी मुलाकात चुड़ैल से होती है और वह अपनी जान के बदले चुड़ैल को मिठाइयां दे देती है, और कहती है कि अब से मैं तुम्हें श्याम से भी ज्यादा स्वादिष्ट मिठाइयां बनाकर खिलाऊंगी। तुम उससे मिठाइयां लेना बंद कर दो। चुड़ैल इस बात के लिए राजी हो गई।
चुड़ैल ने उसे भी पेड़ के अंदर बनी गुफा से सोने के सिक्के लाकर दे दिए। लेकिन शीला को सोने का लालच आ जाता है, और वो सोचती है – “क्यों न पेड़ काटकर सारे सोने के सिक्के एक साथ निकाल लिए जाएं।”
अगले दिन वो उस पेड़ को कटवा देती है। अपने घर को बर्बाद होता देख चुड़ैल को बहुत ज्यादा गुस्सा आया और उसने उस औरत को पत्थर की मूर्ति बना दिया। इस घटना के बाद गांव वालों ने जंगल के उस रास्ते को बंद कर दिया। अब श्याम का भी चुड़ैल से पीछा छूट गया ओर वो खुशी – खुशी रहने लगा।
सीख:
लालच में आकर व्यक्ति अपना ही नुकसान कर लेता है ।
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