बुद्धिमान राजा की कहानी: The Wise King Story In Hindi

हिंदी कहानियों के सफर में आज हम आपको सुनाएंगे एक ऐसे राजा की कहानी जिसकी बुद्धिमत्ता के चर्चे दूर–दूर तक थे। इसी बात से प्रभावित होकर पड़ोस के राज्य की राजकुमारी ने उसके सामने चुनौती के रूप में एक ऐसी भ्रमित चीज लाकर रख दी, जिसे पहचाना अच्छे-अच्छों के लिए टेढ़ी खीर थी। 

क्या बुद्धिमान राजा इस चुनौती को पार कर पाएगा? यह जानने के लिए आपको कहानी पूरी पढ़नी होगी तो चलिए शुरू करते हैं…..

सालों पहले रतनगढ़ नाम के राज्य में एक बुद्धिमान राजा राज करता था, जिसका नाम था, राजा बलवीर सिंह। उसकी बुद्धि और होशियारी की चर्चा दूर-दूर तक थे। अपने राज्य में आज तक उसने न तो किसी गरीब व्यक्ति के साथ अन्याय होने दिया, और न ही किसी भी आरोपी को बिना उसकी बात सुने सजा सुनाई। उसके राज्य में हर कोई उसे खुश था।

राजा की बुद्धिमानी से पड़ोसी राज्यों को हुई दिक्कत

राजा बलवीर की बुद्धिमानी के चर्चे सुनकर आसपास के राज्यों के राजा, रानियां और राजकुमारी आदि उनसे जलते थे। इसी के चलते वे बार बार उसे पराजित करने की कोशिश करने लगे। 

वे लोग अक्सर राजा बलवीर की बुद्धिमत्ता की परीक्षा लेने के लिए नए-नए तरीके खोजते। कभी कोई अतरंगी सवाल लेकर आता, तो कभी कोई अजीब से झगड़े। 

लेकिन हर बार राजा दूसरे राज्य के शासकों द्वारा ली गई परीक्षा में खरा उतरता। राजा ने हर तरह से अपने आप को योग्य साबित कर दिया था। 

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राजकुमारी ने ली अनोखी परीक्षा 

एक दिन राजा की परीक्षा लेने के लिए प्रीतम पूरा राज्य की एक राजकुमारी आई। राजकुमारी के हाथों में दो फूल की माला थी, जो देखने में बहुत ही सुंदर और मनमोहक थीं। 

राजदरबार में मौजूद हर किसी व्यक्ति को लगा कि राजकुमारी ये माला राजा की स्वागत में लेकर आई है। लेकिन राजकुमारी ने उन दोनों मालाओं को सभी को दिखाते हुए कहा – दोनों माला में से एक असली फूल से बनी है और दूसरी नकली फूल से। अगर राजकुमार इसमें से अलसी माला को पहचान लेंगे तो, में उनकी बुद्धिमत्ता के चर्चे खुद दूर दूर तक गाऊंगी। 

राजकुमारी की बात सुनकर हर कोई हैरान रह गया। क्योंकि दोनों मालाओं को देखकर कोई भी नहीं कह सकता था कि इनमें से कोई एक माल नकली भी है। 

 राजदरबार में बैठे सभी दरबारी अब परेशान हो चुके थे, क्योंकि किसी को समझ नहीं आ रहा था कि असली फूलों की माला कौन-सी है। सभी ये सोच रहे थे कि राजा कैसे बता पाएंगे कि असली फूलों की माला कौन-सी है।

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माला को देखकर राजा बलवीर भी हुए परेशान 

एक बार को तो माल देख कर राजा बालवीर भी परेशान हो गए थे।  वह असली माला का पता लगाने की तरकीब खोज ही रहे थे, कि उसी वक्त उनका ध्यान बगीचे की और गया जहां वह सारी मधुमक्खियां घूम रही थी। 

यह देख राजा के मन में विचार आया उसने तुरंत अपने एक सेवक से कहा – “अरे सेवाकराम, जरा जाओ और बगीचे के तरफ वाली। खिड़की को खोल दो।”

सेवक ने बगीचे की खिड़की को जैसे ही खोला, तो मधुमक्खियां राज दरबार में आ गई। राजा कुछ देर मधुमक्खियों को ही देखते रहे। जैसे ही एक दो मधुमक्खी एक फूल की माला में बैठी, वैसे ही राजा समझ गए की असली माला कौन सी है। 

 राजा ने कहा – “कि अब मैं बता सकता हूं कि असली माला कौन-सी है।” राजा ने तुरंत उस माला की तरफ इशारा किया, जिसपर मधुमक्खी बैठी हुई थी। राजा की होशियारी देखकर राजकुमारी बहुत प्रसन्न हो गई और बोली –मान गए राजा साहब आपकी होशियारी को, यूं हीं आपकी होशियारी और बुद्धिमानी के चर्च नहीं है। आप में सच में वह बात है, जो बाकी राजाओं में नहीं है। 

दरबार में मौजूद सभी लोग भी अब उनकी तारीफ करने लगे। सभी कहने लगे कि हर राज्य को आपके जैसे ही बुद्धमान राजा की जरूरत है।

सीख

आपकी बुद्धिमान ही आपका अल साथी है, ऐसे में सोच समझ कर सब कुछ सुनकर ही कोई फैसला लें।

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