हिंदी कहानियों के सफर में आज हम आपको लेकर चलते हैं, गिर पहाड़ियों के जंगलों में जहां एक शेर और चूहे की कहानी आज भी बहुत ज्यादा फेमस है। इस कहानी में एक ऐसा संदेश छुपा है जो न सिर्फ आपके बल्कि आपके बच्चों के विचारों को बदल सकता है। ऐसे में यह कहानी अपने बच्चों को पढ़कर जरूर सुनाइएगा। तो चलिए शुरू करते हैं…..
गिर जंगल का राजा शेर अक्सर अपनी मांद के पास सोता रहता था। वह इतना भयंकर था कि उसकी एक दहाड़ से पूरा जंगल कांप जाता था। उसकी मांद के पास ही एक चूहे का बिल भी था, जिसकी जानकारी शेर को भी थी। चूहा भले ही छोटे आकर का हो, लेकिन वो बहुत शरारती था। पूरा दिन वह जंगल में उछल–कूद करता रहता था।
चूहे ने की शेर की नींद खराब
एक दिन की बात है, शेर अपनी मांद के बाहर चैन की नींद सो रहा था, तभी अचानक वहां चूहा आया। शराबको इस तरह सोते देख उसके मन में शरारत सूझी। वह शेर के शरीर पर उछलने लगा। शेर का शरीर काफी बड़ा था, जो उसे एक गद्दे की तरह लग रहा था। कभी वह उसकी पीठ पर उछल रहा था तो कभी उसकी मूंछों पर लटक रहा था।
चूहा अपनी मस्ती में मस्त था कि तभी शेर की नींद खुल गई, और गुस्से में उसने चूहे को पकड़ लिया। चूहे को देखकर शेर बोला – “ओह हो, तो तुम हो जो इतनी देर से मुझे परेशान कर रहे हो। लगता है तुम्हे अपनी जिंदगी प्यारी नहीं है, तभी तो तुमने मुझसे पंगा लिया है। आज मैं तुम्हें भी छोडूंगा।”
शेर की बात सुनकर चूहा बोला – “अरे मालिक मुझे छोड़ दीजिए, मैं तो छोटा सा नादान सा जानवर हूं। आपके इतने बड़े शरीर के सामने में कहां दिखता हूं।”
“अगर आप मुझे मार भी देंगे तो क्या होगा। ना आपका मन भरेगा, ना पेट। तो कृपा करके मुझे छोड़ दीजिए। मैं आपसे वादा करता हूं कि समय पढ़ने पर में आपकी मदद जरूर करूंगा।”
चूहे की बातें सुनकर शेर को हंसी आ गई और उसने मन ही मन को सोचा – इस छोटे से चूहे की हिम्मत तो देखो,छोटा सा चूहा हैं और कहता है कि मेरी मदद करेगा।
लेकिन चूहे की बात सुनकर उसे थोड़ी दया भी आई थी, तो उसने चूहे को छोड़ने का निर्णय लिया।
थोड़े दिन बीत गए, चूहे ने अब अपनी शैतानी कम कर दी और शेर भी उसके साथ घुल–मिल गया। दोनों अब अच्छे दोस्त बन गए थे। एक दिन जंगल में शिकारी आया।
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शिकारी के जाल में फंसा शेर
शिकारी ने जाल बिछा दिया, जिसमें शेर फंस गया। शेर ने जाल से बाहर निकलने की बहुत कोशिश की लेकिन वह जाल से बाहर नहीं निकल पाया। इतने में ही चूहा वहां आया और अपने पैने दांतों से उसने वो जाल कांट दिया।
शिकारी शेर को पकड़ने के लिए आ ही रहा था, की उसने देखा कि शेर जाल से बाहर निकल गया है तो वह उल्टे पांव वापस शहर की ओर चल दिया।
अपनी जान बचाने के लिए शेर ने चूहे को धन्यवाद किया और बोला – आज मुझे पता चल गया है कि शरीर से कोई फर्क नहीं पड़ता है। एक छोटा सा चूहा भी शेर की जान बचा सकता है। तुमने मेरी जान बचाई इसका एहसान में पूरी जिंदगी भर याद रखूंगा। अब से हम दोनों अच्छे दोस्त हैं।
सीख:
- कोई भी छोटा या बड़ा नहीं होता है।
- हमेशा दूसरों की मदद करनी चाहिए।
- दूसरों के प्रति दया का भाव रखें गुस्से में कोई गलत कदम ना उठाएं।
आशा करते हैं आपको और आपके बच्चों को यह शेर और चूहे की कहानी पसंद आई होगी अगर आप इसी तरह की और भी कहानियां पढ़ना चाहते हैं तो आप हमारी Top 10 Moral Stories In Hindi पढ़ सकते हैं। यहां आपको हाथी, गधे ओर सोने के अंडे देने वाली मुर्गी की मजेदार नैतिक कहानियां पढ़ने को मिलेंगी।
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