चींटी और कबूतर की कहानी: The Ant And The Dove Story In Hindi

Bed Time Stories में आज हम आपके लिए लेकर आए हैं एक चींटी और कबूतर की दोस्ती की कहानी, जहां दोनों अपनी-अपनी जान पर खेल कर एक दूसरे की जान बचाते हैं। यह कहानी आपके बच्चों को असली दोस्ती का मतलब सिखाएगी। तो रात को सोते समय अपने बच्चों को यह कहानी जरूर पढ़कर सुनाएं चलिए शुरू करते हैं।

एक समय की बात है एक पेड़ पर कबूतर रहा करता था। पेड़ की जड़ों में ही एक चींटी भी अपना बिल बना कर रहा करती थी। दोनों काफी अच्छे दोस्त थे और अक्सर अपना ज्यादातर समय एक दूसरे के साथ बात करते हुए बिताते थे। एक बार कबूतर किसी काम पड़ोस के गांव गया हुआ था। 

उसी दौरान एक दिन भीषण गर्मी में चींटी पानी की तलाश में निकली। पेड़ के आसपास काफी दूर तक उसे कहीं भी पानी नहीं मिला। यह देखकर वह परेशान हो गई ओर सोचने लगी कि – अगर आज मुझे पानी नहीं मिला तो मैं प्यास से मर ही जाऊंगी। अगर मेरा दोस्त कबूतर यहां होता तो मुझे इतनी मेहनत नहीं करनी होती। खैर अब तो मुझे ही पानी खोजना होगा। 

नदी में गिरी चींटी 

कुछ दूर और चलने के बाद चींटी को एक नदी दिखाई दी। उसे देखकर वो बहुत खुश हो गई और पानी पीने के लिए वह एक छोटी सी चट्टान पर चढ़ गई। लेकिन जैसे ही चींटी पानी पीने के लिए झुकी, वह फिसल कर नदी में गिर गई। 

वह डूब रही थी और बचाओ बचाओ चिल्ला रही थी। आस-पास कोई जानवर भी नहीं था जो उसकी आवाज सुन सके और उसे बचा सके। चींटी को लगा कि अब तो वह पानी में डूब ही जाएगी लेकिन इतने में ही उसने अपने दोस्त कबूतर को नदी के ऊपर उड़ते देखा। 

the ant and the dove

चींटी को संकट में देखकर कबूतर ने झट से एक पत्ता पानी में गिरा दिया। वह पत्ती की ओर बढ़ी और उस पर चढ़ गई। फिर कबूतर ने ध्यान से पत्ते को बाहर निकाला और जमीन पर रख दिया। इस तरह चींटी की जान बच गई और वह हमेशा कबूतर की ऋणी रही। 

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कबूतर पर आया संकट 

इस घटना के बाद चींटी और कबूतर और ज्यादा अच्छे दोस्त बन गए और उनके दिन खुशी से बीत रहे थे। लेकिन एक दिन जंगल में एक शिकारी आया। शिकारी के पास बड़ी सी बंदूक थी जिससे वह शिकार करना चाहता था। उसने पेड़ पर बैठे सुंदर कबूतर को देखा और अपनी बंदूक से कबूतर पर निशाना साधा। 

चींटी नीचे से यह सब कुछ देख रही थी। उसने शिकारी की एड़ी पर काट लिया, जिससे वह दर्द से चिल्लाया और उसका निशाना चूक गया। बंदूक की आवाज सुनकर कबूतर वहां से उड़ गया और शिकारी वहां से खाली हाथ चला गया। 

जब वह शिकारी वहाँ से चला गया, तो कबूतर वहां आया और चींटी को उसकी जान बचाने के लिए धन्यवाद दिया। कबूतर बोला – अगर तुम नहीं होती तो आज मैं जिंदा नहीं होता, अब से हम हमेशा साथ ही रहेंगे। इस तरह दोनों दोस्त मुसीबत के समय में एक दूसरे के काम आए। इसके बाद दोनों खुशी – खुशी रहने लगे।

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कहानी की सीख

  • विपत्ती में एक-दूसरे की सहायता करनी चाहिए। 
  • दोस्त ही दोस्त के काम आता है। 
  • मदद कभी बेकार नही जाती। 

ये कहानी पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और अगर आप अपने बच्चों को नैतिक मूल्य सीखना चाहते हैं तो आप हमारी और भी कहानियां जैसे Moral Stories in Hindi भी पढ़ सकते है।

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