शेर और खरगोश की कहानी: Lion And Rabbit Story In Hindi

क्या आपने कभी सुना है कि एक छोटा सा खरगोश जंगल के सबसे ताकतवर शेर को हरा सकता है? सुनने में अजीब लगता है, लेकिन यही हुआ जंगल के राजा शेर और एक छोटे से खरगोश के साथ। आइए, जानते हैं इस रोमांचक कहानी को!

सुंदरवन नाम का एक जंगल था, जहां सभी जानवर मिलजुल कर रहा करते थे। जंगल का राजा शेर थोड़ा बूढ़ा हो गया था और उसे शिकार करने में दिक्कतें आने लगी थी। एक दिन एक लोमड़ी रास्ते से जा रही थी, तभी अचानक शेर ने उसे दबोच लिया। शेर उसका शिकार करने ही वाला था कि, अचानक से वो लोमड़ी बोली – अरे मालिक, आप मुझे क्यों खा रहे हैं। मैं तो पहले से ही पतली सी हूं, मुझमें तो न मांस है न हड्डी है। मुझे खाकर आपकी भूख शांत नहीं होगी। 

अपनी जान बचाने के लिए लोमड़ी ने खेली चाल 

sher aur lomdi

लोमड़ी की बात सुनकर शेर बोला – मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है, मुझसे वैसे भी आजकल शिकार नहीं होता है। तो आज तुम मिली हो तो मैं तुमसे ही अपना काम चला लूंगा। लोमड़ी बहुत ही चालक थी, राजा की बात सुनकर उसके दिमाग में एक आइडिया आया और वो बोली – राजा साहब मेरे पास एक तरकीब है, जिससे रोजाना आपकी भूख भी मिट जाएगी और मेरी जान भी बच जाएगी। ये सुनकर शेर बोला – क्या आइडिया है, जरा मुझे भी बताओ। लोमड़ी बोली – आज से आपको शिकार के लिए कहीं भी जाने की जरूरत नहीं है, मै आपके लिए शिकार ढूंढकर लाऊंगी। ये सुनकर शेर लोमड़ी की बात मान गया। 

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भोले जानवरों को लोमड़ी ने कैसे फसाया?

अपनी जान बचाकर लोमड़ी जंगल में गई, वहां उसे एक बकरी दिखाई दी। लोमड़ी ने सोचा क्यों ना इसे ही निशाना बनाया जाए। वो बकरी के पास गई और बोली – अरे बकरी बहन, तुम यह घास चर रही हो, वह पहाड़ी के पीछे तरह–तरह की पेड़ पौधे हैं जिन्हें खाकर तुम्हारी आत्म तृप्त हो जाएगी। पहले तो बकरी लोमड़ी कि बातों मै नहीं आई, पर बाद में वो वह जाने को राजी हो गई। 

पहाड़ी के पीछे झाड़ियों में शेर पहले से ही धाक लगाए बैठा था। जैसे ही बकरी आई, शेर ने उसपर हमला कर दिया और उसे मारकर खा गया। बचा कुचा मांस लोमड़ी ने खा लिया। बहुत दिनों बाद शेर ने पेट भरकर खाना खाया था। अब ऐसा रोज होने लगा। लोमड़ी रोज जंगल के किसी न किसी जानवर को अपनी बातों में फसाकर शेर के पास लाती और शेर उसे मारकर खा जाता। 

एक दिन लोमड़ी को एक खरगोश मिला, उसने सोचा क्यों न इसे ही आज शिकार बनाया जाए। ये सोचकर वो खरगोश के पास गई और बोली – अरे खरगोश भाई, तुम्हें पता है? पहाड़ी के पीछे वाले खेतों में किसानों ने बहुत ही मीठी–मीठी गाजर लगाईं हैं। तुम्हे तो गाजर कितनी पसंद है, एक बार तो तुमको जाकर खानी ही चाहिए। लोमड़ी की बात सुनकर खरगोश को थोड़ा शक हुआ और वो बोला – अरे लोमड़ी बहन तुम कब से गाजर खाने लगी। ये सुनकर लोमड़ी नाटकीय हंसी हंसते हुए बोली, अरे वो तो मैने ऐसे ही खा ली थी, तुम मुझपे शक कर रहे हो क्या? अगर तुम्हें नहीं जाना है तो कोई बात नहीं है। 

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खरगोश की चालाकी से कैसे हुई शेर की मौत ?

ये कहकर लोमड़ी तो चली गई, पर खरगोश सोचने लगा क्यों न एकबार जाकर देख लिया जाए। ये सोचकर खरगोश वहां चला गया। पहाड़ियों के पीछे शेर शिकार का इंतजार ही कर रहा था। जैसे ही खरगोश वहां पहुंचा शेर ने उसके सामने आ गया। शेर को देखकर खरगोश घबरा गया, पर वो हिम्मत नहीं हारा। उसने अपना दिमाग लगाया और बोला। तुम कौन हो? शेर बोला – मैं जंगल का राजा हूं।  खरगोश बोला – पर रास्ते में मैंने एक कुएं से पानी पिया था उसमें भी एक शेर था, वो भी खुद को यहा का राजा बता रहा था। 

chalak khargosh aur sher

ये सुनकर शेर को गुस्सा आ गया और वह बोला – अच्छा कहां है वो कुआं, मुझे वहां लेकर चलो। खरगोश उसे कुएं के पास ले गया। कुएं के पानी में अपनी छाया देखकर शेर को लगा कि सच में कुएं के अंदर कोई दूसरा शेर है। और उसने चिल्ला कर कहा कौन हो तुम? अब कुएं से भी वही आवाज आई कौन हो तुम? इस पर खरगोश ने बोला – अरे राजा साहब देखो यह कुएं के अंदर का शेर आपको ललकार रहा है और पूछ रहा है कि आप कौन हो? जबकि आप तो इस जंगल के राजा हो। 

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यह सुनकर शेर को और गुस्सा आ गया और उसने कहा –  हिम्मत है तो बाहर आकर बात करो। कुएं से फिर वही आवाज आई। इस बार खरगोश ने कहा की देखी राजा साहब उसकी हिम्मत, आपको ललकार रहा है कह रहा है कि अगर आप में हिम्मत है तो आप उससे वहां जाकर बात करो। बेवकूफ शेर खरगोश की बातों में आ गया और कुएं के अंदर के शेर को मारने के लिए कुएं में कूद गया । अब कुएं में कोई शेर तो नहीं था वह उसकी खुद की छवि थी जो पानी में दिखाई दे रही थी। तो जैसे ही शेर कुएं में कूदा, पानी में डूबने की वजह से उसकी मौत हो गई। सभी जानवरों को अब शेर से मुक्ति मिल गई और लोमड़ी को भी सभी ने मिलकर जंगल से बाहर निकल दिया। 

सीख : बुरे काम का बुरा नतीजा ही होता है। 

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