राजा, खटमल और जूं की कहानी: पंचतंत्र की कहानी

Panchtantra Ki Kahani में आज हम आपको सुनाएंगे एक जूं और खटमल की कहानी। इस कहानी में आप जानेंगे कि कैसे एक भोली भाली जूं को एक खटमल अपनी बातों में फंसता है, और अपने स्वार्थ के चलते खुदकी और जूं की जान को खतरे में डाल देता है। तो चलिए शुरू करते हैं। 

कहानी की शुरुआत: राजा का शयनकक्ष और चुपचाप खून पीती जूं

बहुत समय पहले की बात है, मनोहरपुर के महाराज मनोहर सिंह के शयनकक्ष में एक जूँ, जिसे मंदनी कहा जाता था, ने अपना बसेरा बना लिया था। वह रोज रात को राजा के सोने के बाद, चुपके से बाहर निकली और राजा का खून चूसकर, वापस अपनी जगह पर चली जाती। ये सिलसिला काफी दिनों से चल रहा था। जूं बहुत छोटी थी, तो राजा को भी नहीं चलता था कि कोई उसका खून चूस रहा है। 

खटमल की एंट्री – जब मेहमान बना मुसीबत

एक दिन, संयोगवश, एक खटमल, जिसका नाम अग्निमुख था, राजा के शयनकक्ष में पहुँच गया। इतना भव्य कमरा देखकर वो बहुत खुश हो गया। उसने तय कर लिया कि अब तो वो यहां ही रहेगा। ये सोचकर वो राजा के पलंग के पास चला गया। 

जब जूँ ने खटमल को देखा, तो उसने कहा – “तुम कौन हो और यहां क्या कर रहे हो?” 

जूं की बात सुनकर खटमल ने कहा – मेरा नाम अग्निमुख और मैं पास ही के कमरों से यहां आया हूं। मुझे ये जगह काफी अच्छी लग रही है। अब तक में जहां रहता था, वहां तो बेकार सी खाटे थी। 

लेकिन जूं ने उसे वहाँ से जाने को कहा, क्योंकि वह अपने क्षेत्र में किसी और का दखल नहीं चाहती थी। पर खटमल ने चतुराई से कहा, “देखो, मेहमान के साथ इस तरह का व्यवहार नहीं किया जाता। आज रात मैं तुम्हारा मेहमान हूँ।”

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खटमल की चाल में फंस गई भोली–भाली जूं 

जूँ खटमल की चतुराई को समझ नहीं पाई और उसकी बातों में आकर उसे शरण देने के लिए राजी हो गई और बोली, – “ठीक है, तुम यहाँ रातभर रुक सकते हो, लेकिन तुम राजा का खून नहीं चूसोगे ?” खटमल ने वादा किया कि वह राजा का खून नहीं पीएगा । 

रात हो गई ओर राजा अपने बिस्तर पर सोने के लिए आगया। राजा के सोते ही जूं अपने काम पर लग गई ओर वो बहुत ही चालाकी से राजा का खून पीने लगी। जूं को ऐसे देखकर खटमल ने कहा – क्या तुम अपने मेहमान को ये स्वादिष्ट भोजन नहीं दोगी। मैं वादा करता हूं कि मैं चुपके से चूसेगा ताकि राजा को कोई तकलीफ न हो। और इसके बाद मैं वापस अपनी पुरानी जगह चला जाऊंगा। 

जूं ने सोचा जब खटमल इतना बोल ही रहा है तो एक बार इसे भी मौका देकर देख लिया जाए। खटमल ने मौका पाते ही राजा को काटना शुरू किया। खटमल ने इतना स्वादिष्ट खून पहले नहीं चखा था, तो वह और ज्यादा तेजी से राजा को लगा, जिससे राजा को तीव्र खुजली होने लगी और उसकी नींद टूट गई। राजा ने क्रोध में आकर अपने सेवकों से खून चूसने वाले जीव को ढूँढ़ने का आदेश दिया।

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आखिर जूं का क्या होगा? 

राजा के आदेश पर सैनिकों ने बिस्तर का झाड़ा। खटमल तो पलंग के पाए के नीचे छिप गया, लेकिन जूँ चादर के कोने पर बैठी थी, और राजा के सेवकों ने उसे पकड़ लिया और मार डाला। 

सीख: 

  • अनजानों पर विश्वास करने से पहले उनके बारे में पूरी तरह से जांच-पड़ताल कर लेनी चाहिए।
  • दोस्ती सोच-समझकर करनी चाहिए, नहीं तो भारी नुकसान हो सकता है।

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