राजकुमारी और मेंढक की कहानी: Romantic Story In Hindi

Romantic Story In Hindi: एक समय की बात है, तारागढ़ की राजकुमारी अपनी सुंदरता के लिए बहुत ही प्रसिद्ध थी। राजकुमारी अक्सर अपने महल के बगीचे में अपनी दासियों के साथ हंसी ठिठोले किया करती थी। एक दिन राजकुमारी को महल से बाहर जाने की इच्छा हुई। उसने अपनी सखियों के साथ गांव घूमने की योजना बनाई और अगले ही दिन वो बिना किसी को बताएं गांव घूमने के लिए निकल गई। 

गांव में मिला बोलने वाला मेंढ़क 

राजकुमारी अपनी सखियों के साथ गांव घूम रही थी। घूमते घूमते वह एक तालाब के पास पहुंची। राजकुमारी थक गई थी तो आराम करने के लिए वह तालाब के पास ही बैठ गई। तालाब देखने में बहुत ही सुंदर था, उसमें सफेद और गुलाबी रंग के कमल के फूल खिले हुए थे। राजकुमारी एकटक उसे देख रही थी, की तभी उसका हार नदी में गिर गया। वह हार उसे उसके पिता ने दिया था। राजकुमारी की सखियां उसके लिए भोजन का इंतजाम करने गई थी तो वह कोई भी था, जो उस हार को तालाब से निकल सके। ये सोचकर वह बहुत ही दुखी हो गई ओर रोने लगी। 

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राजकुमारी की रोने की आवाज सुनकर एक मेंढ़क वहां आया और वो राजकुमारी से बोला – मुझे पता है तुम्हारे पिता के द्वारा उपहार में दिया गया हार तालाब में गिर गया है। मैं वो तुम्हें लाकर वापस दे सकता हूं लेकिन तुम्हें मुझे अपने साथ रखना होगा। पहले तो राजकुमारी बोलते हुए मेंढ़क को देखकर डर गई, लेकिन अपने पिता के उपहार को वापस पाने के लिए वो राजी हो गई। 

राजकुमारी और मेंढक: Romantic Story In Hindi

ये सुनकर मेंढ़क ने तलाब में छलांग लगाई और थोड़ी देर बाद वह हार के साथ वापस निकला। ये बहुत ही ज्यादा खुश हो गई ओर उसने उसे अपने साथ महल ले जाने का निर्णय किया। 

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राजकुमारी को हुआ मेंढक से प्यार 

कुछ समय बाद राजकुमारी की सखियां खाना लेकर वह आई। सबने बैठकर मजे से खाना खाया और वापस महल में चले गए। राजकुमारी ने अपने पल्लू में मेंढ़क को। छुपा लिया और उसे भी वह महल में ले आई। अब राजकुमारी अक्सर उस मेंढ़क से बात करने लगी। वह उसे अपने सुख दुख की सभी बातें बताने लगी। राजकुमारी को अब मेंढ़क की आदत सी हो गई थी। 

लेकिन एक दिन राजकुमारी किसी काम से बाहर गई थी, मेंढ़क को वह अपने कमरे में ही छोड़ कर गई थी। लेकिन कुछ सैनिकों से मेंढ़क को वह देख लिया। उन्होंने उसे पकड़ कर मेंढ़क को बाहर फेक दिया। राजकुमारी जब वापस आई, और जब उसे ये सब पता चला तो वह फूट – फूट कर रोने लगी। लेकिन राजकुमारी की रोने की आवाज सुनकर मेंढ़क वहां वापस आ गया। मेढ़क को अपनी आंखों के सामने देखकर वह बहुत ही खुश हो गई। और खुशी खुशी में उसने मेंढ़क की चूम लिया। राजकुमारी के चुंबन से मेंढ़क एक राजकुमार मै बदल गया जो देखने में बहुत ही ज्यादा सुंदर था।

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जादुगर के श्राप से श्रापित था राजकुमार 

राजकुमारी ने जब राजकुमार से उसकी हालत का राज पूछा तो, राजकुमार ने राजकुमारी को बताया कि एक दुष्ट जादूगर ने उसे मेंढक में बदल दिया था। जादुगर के श्राप को प्यार से ही तोड़ा जा सकता था और राजकुमारी ने वही किया । राजकुमारी के प्यार भरे चुंबन से वह फिर से इंसान बन गया था। इसके बाद राजकुमार और राजकुमारी ने शादी कर ली और दोनों खुशी-खुशी रहने लगे।

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