कहानियां छोटे बच्चों को नई नई और अनोखी बातें सिखाने का एक सबसे अच्छा जरिया है। ये कहानियां अलग अलग तरह की ही सकती हैं, जैसे पंचतंत्र की कहानियां, बच्चों की रात की कहानियां, Animal Story In Hindi इत्यादि। कहानियों की इसी श्रृंखला में आज हम आपको सुनाएंगे जंगली जानवरों की कहानी।
इस कहानी में दोस्ती की अहमियत और एकता की शक्ति दोनों को एक साथ दिखाया गया है। ऐसे में अगर आपको अपने बच्चों को मजेदार कहानियां सुनानी है, तो यह कहानी उन्हें पढ़कर जरूर सुनाए।
जंगल में हुई नई दोस्ती की शुरुआत
रतनगढ़ के जंगल में बहुत सारे जानवर रहते थे। एक दिन पानी की तलाश करते हुए एक तोता, हिरण, खरगोश और गिलहरी इत्तेफाक से मिले। चारों ने झरने के नीचे पानी पिया और एक दूसरे को अपना परिचय दिया। ।
सबसे पहले खरगोश बोला, “मेरा नाम भोलू है, मुझे दौड़ना बहुत पसंद है। आजतक दौड़ में मैं किसी भी जानवर से हारा नहीं हूं”।
यह सुनकर हिरण मुस्कुराया और बोला, “अरे! दौड़ तो मैं भी बहुत तेज़ लगाता हूँ, पर मुझे इंसानों से डर लगता है। सुना है, वो हम जानवरों को पकड़कर मार देते हैं।”
तभी गिलहरी भी बोली, “मुझे पेड़ो पर उछल कूद करना बहुत ज्यादा पसंद है, में किसी भी चीज को अपने पैने दांतों से कुतर सकती हूं”।
तोते ने चहकते हुए कहा, “और मैं उड़ सकता हूँ! मुझे आकाश से सब कुछ दिखता है।”
चारों को एक दूसरे के बारे में जानकार बहुत ज्यादा अच्छा लगा। इस दिन के बाद वो दोस्त बन गए और एक साथ रहने लगे। जंगल के सभी जानवरों के बीच उनकी दोस्ती खूब चर्चा बटोरती।
यह भी पढ़ें: Long Moral Story In Hindi
दोस्ती की परीक्षा
चारों की दोस्ती सही चल रही थी, की तभी एक दिन जंगल में घूमते–घूमते हिरण एक जाल में फंस गया। यह जाल शिकारी ने बिछाया था। हिरण जाल में से निकलने की कोशिश ही कर रहा था, लेकिन वह अकेला था और कुछ न कर सका।
तभी असमान में उड़ते हुए तोते ने उसे देखा। हिरण को मुसीबत में देखकर वह खरगोश के पास गया, और दौड़कर उसे गिलहरी को बुलाकर लाने को कहा। खरगोश तुरंत गिलहरी को बुला लाया। गिलहरी ने बोला, “डरो मत दोस्त, मैं तुरंत इस जाल को काट दूंगा और तुम मुक्त हो जाओगे।”
यह कहकर उसने जाल को काट दिया और कुछ ही देर में हिरण आज़ाद हो गया। हिरण बहुत खुश हुआ और सब दोस्तों को गले लगाया। हिरण बोला, “धन्यवाद दोस्तों, अगर तुम सब समय पर न आते, तो मैं कभी बच नहीं पाता।”
यह भी पढ़ें: Bander Ki Kahani
शिकारी ने चली चाल
शिकारी दूर खड़ा होकर सभी जानवरों की बातें सुन रहा था। चारों जानवरों की दोस्ती देखकर शिकारी ने सोचा, “ये चारों बहुत ही चालाक हैं हमेशा एकता में रहते हैं। अगर मैं एक को पकड़ लूं, तो बाकी खुद ही फँस जाएँगे।”
कुछ दिनों के बाद शिकारी ने फिर से जाल बिछाया और उसे गाजर से ढक दिया। जंगल में। इतनी सारी गाजर देखकर खरगोश को लालच आ गया और वो उसे खाने के लिए आगे बढ़ा। लेकिन जंगल के बीचों बीच इतनी सारी गाजर देखकर हिरण, तोता और गिलहरी को शक हुआ।
तीनों ने उसे रोका और बोले, “ खरगोश भाई, रुको इस जंगल के बीच इतनी सारी गाजर कहा से आई। जरूर कोई गड़बड़ है।”
जब सभी जानवरों ने तलाश करी तो देखा कि गाजर के नीचे जाल बिछा हुआ था। जाल देखकर सभी समझ गए, की ये शिकारी की चाल है। उन्होंने मिलकर शिकारी को सबक सिखाने का सोचा।
यह भी पढ़ें: Chalak Lomdi Aur Kauwa Ki Kahani
अपने ही बिछाए जाल में फंसा शिकारी
तोता और हिरण ने जाल को उठाकर तालाब के पास बिछा दिया और उसे पत्तों से ढक दिया। तोते ने अपने जंगल के दूसरे जानवरों से भी मदद मांगी। कबूतर ने उसके ऊपर जाकर बीट कर दी, और कौवे उसके ऊपर मंडराने लगे । परेशान होकर शिकारी बीट साफ करने के लिए तालाब के पास गया और जाल में फंस गया।
शिकारी के फँसते ही सारे जानवर बाहर आए। इतने सारे जानवरों को देखकर शिकारी डर गया और बोला, “मुझे छोड़ दो, मैं वादा करता हूँ कि अब कभी किसी जानवर का शिकार नहीं करूंगा और न कभी इस जंगल में आऊंगा।”
सभी जानवरों ने शिकारी से कभी भी जंगल में न आने का वादा लिया और उसे छोड़ दिया। इस घटना के बाद शिकारी ने कभी भी जंगल का रास्ता नहीं लिया। अब सभी जानवर फिर से जंगल में हंसी खुशी रहने लगे।
सीख :
- मुसीबत के समय हमेशा दोस्तों की मदद करनी चाहिए।
- एकता में शक्ति है।
पढ़िए हमारी कुछ और शानदार कहानियाँ: