यह कहानी है एक घमंडी मोर की, जो हमेशा अपनी खूबसूरती पर इतराता रहता था। वह जंगल के बाकि जानवरों का मजाक बनाया करता था, लेकिन वक्त की मार एक दिन उसपर भी पड़ी। जो मोर पूरे जंगल में अपनी खूबसूरती के किस्से सुनाया करता था, वही मोर अब अपनी खूबसूरती को कोस रहा था।
आखिर मोर के साथ ऐसा क्या हुआ, जो उसे अपनी सुंदरता अभिशाप लगने लगी? जानने के पढ़े हमारी आज की Peacock Story In Hindi…
घमंडी मोर की कहानी
चंपक वन में बहुत सारे पशु–पक्षी मिल जुल कर रहा करते थे। सभी एक दूसरे की मदद करते और शाम को एक साथ बैठ कर हंसी ठिठोलियां करते। इसी जंगल में एक मोर भी रहता था, जो बेहद ही खूबसूरत था, उसके रंग बिरंगे पंख और उसकी नीली सुराहीदार गर्दन किसी का भी मन मोह लेती थी।
जंगल में हर कोई जानवर मोर की सुंदरता की तारीफ करता, जिससे धीरे धीरे मोर को। अपनी सुंदरता पर घमंड होने लगा। वह अपने आप को जंगल का सबसे खूबसूरत पक्षी बताता और दूसरे जानवरों का मजाक बनाता।
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भरी महफिल में उड़ाया सभी जानवरों का मजाक
एक दिन जंगल में एक महफिल सजी, जहां सभी जानवर और पक्षी इक्कठा हुए। मोर भी इस कार्यक्रम में आया, जहां उसने एक सुंदर सा डांस परफॉर्मेंस दिया। यह देखकर सभी उसकी तारीफ करने लगे।
तभी स्टेज पर कोयल ने गाना सुनाया। कोयल की आवाज सुनकर सभी जानवर मंत्रमुग्ध हो गए। तभी मोर बोला, “तुम्हारी आवाज तो बहुत मीठी है कोयल बहन, पर तुम्हारा रंग बहुत ही काला है। अगर तुम चुप चाप किसी डाल पर बैठी रहो तो, कोई बता ही नहीं सकता कि तुम कोयल हो या कौआ। मुझे देखो मैं तुम सबसे कितना अलग ओर सुंदर हूं, मेरी आवाज में भी एक कशिश है।”
मोर की बात सुनकर कोयल ओर कौवे दोनों उदास हो गए। यह देखकर बंदर बोला, “अपनी सुंदरता पर इतना भी घमंड करना ठीक नहीं है”।
तभी मोर बोला, “देखो यह बात बोल भी कौन रहा है, जिसमें सुंदरता का स भी नहीं है। पूरा दिन बस पेड़ो पर उछल कूद करते रहते हो, तुम मुझे ज्ञान न ही दो तो अच्छा है।”
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बारिश में नाचने लगा मोर
मोर कि बातें सुनकर बंदर को गुस्सा आ गया। वह उसे जवाब देने ही वाला था, की बारिश शुरू हो गई। सभी जानवर अब बारिश से बचने के लिए पेड़ की छाया ढूंढने लगे। तभी मोर बारिश में पंख फैला कर नाचने लगा और बोला, “बारिश में मेरा रंग और भी खिलकर सामने आता है, देखो इतनी बारिश में भी मैं कितना सुंदर लग रहा हूं।”
यह देखकर सभी जानवर आपस में बात करने लगे, “यह कभी नहीं सुधरेगा। हमेशा बस अपनी सुंदरता के झंडे गाड़ता रहता है, इसे और कोई काम है ही नहीं।”
शिकारी को आया मोरपंख का लालच
मोर बारिश में नाचता रहा, तभी उसे एक शिकारी ने देख लिया। मोर को देखकर उसने मन ही मन सोचा, “ कितने सुंदर पंख, आज तो इसी का शिकार करूंगा। इसके सुंदर पंख देखकर मेरी पत्नी बहुत खुश हो जाएगी।”
यह सोचकर उसने मोर पर निशाना साधा, लेकिन बंदर ने पहले ही शिकारी को देख लिया था। ऐसे में जैसे ही वह बंदूक चलाने वाला था, बंदर ने उस पर हमला कर दिया और शिकारी का निशान चूक गया। शिकारी को देखकर ढेर सारे कौवे वहां आ गए और कांव कांव करने लगे।
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मोर ने मांगी सभी जानवरों से माफी
कौवों की कांव कांव से शिकारी चिड़चिड़ा हो गया और वहां से चला गया। थोड़ी ही देर में मोर वहां आया और बंदर को धन्यवाद करने लगा। मोर बोला, “मेरी जान बचाने के लिए धन्यवाद। अगर आज तुम नहीं होते, तो मेरी जान चली जाती।”
मोर ने बाकी सभी जानवरों से भी माफी मांगी और बोला, “आज मेरी सुंदरता ही, मेरी जान की दुश्मन बन गई। आज मुझे समझ आ गया है, की तन की सुंदरता सबकुछ नहीं होती है। आप सभी मन से सुंदर है और अब से मे किसी को परेशान नहीं करूंगा।
🌟 सीख – Moral Of The Story:
कभी भी अपनी सुंदरता पर घमंड नहीं करना चाहिए।
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