रेशमा बहुत ही सुंदर और संस्कारी लड़की थी। 20 साल की उम्र में रेशमा के पिता ने राजेश से उसकी शादी तय कर दी। राजेश एक सभ्य लड़का था, जो शहर की एक कंपनी में मैनेजर की नौकरी करता था। उसका भरा पूरा परिवार था, और किसी चीज की कोई कमी नहीं थी।
रेशमा की खूबसूरती से प्रभावित हुआ राजेश
राजेश जब पहली बार रेशमा को देखने आया, तो उसकी खूबसूरती देखकर वह उसे देखता ही रह गया। उसने तुरंत शादी के लिए हां कर दी। कुछ दिनों बाद दोनों की शादी हो गई और दोनों खुशी खुशी रहने लगे। राजेश को रेशमा की खूबसूरती के साथ साथ उसके व्यवहार से भी प्यार हो गया। वहीं रेशमा को भी राजेश के भोलेपन से प्यार हो गया।
दोनों के बीच सबकुछ सही चल रहा था कि, तभी अचानक से रेशमा को एक चर्म रोग हो गया। इस वजह से रेशमा के शरीर सफेद सफेद धब्बे होने लगे, और उसकी खूबसूरती जाने लगी।
चर्म रोग से परेशान हुई रेशमा
अपने शरीर पर धब्बे देखकर अब रेशमा को डर लगने लगा। उसे लगने लगा कि वह बदसूरत हो गई, तो उसका पति उससे नफ़रत करने लगेगा और वह उसकी नफ़रत बर्दाशत नहीं कर पाएगी। एक दिन रेशमा आईने के सामने अपने आप से यही सब बात कर रही थी। की तभी अचानक से उसका पति घर आगया।
राजेश बोला, – “रेशमा में दो दिन के लिए ऑफिस मीटिंग की वजह से शहर से बाहर जा रहा हूं। मैं जल्दी ही आ जाऊंगा, तुम अपना ध्यान रखना।” यह कहकर राजेश वहां से चला गया।
एक दिन बाद खबर आई कि, राजेश का एक्सीडेंट हो गया है। रेशमा का रो–रो कर बुरा हाल हो गया। राजेश जब वापस घर आया, तो उसकी आंखों की रोशनी जा चुकी थी। रेशमा यह सुनकर बहुत दुखी हुई, लेकिन उसने अपने पति का साथ नहीं छोड़ा।
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रेशमा बनी अपने पति की आंखे
पति की आँखें जाने के बाद वह अपने पति की आँखें बन गई। वह हर समय उसके साथ रहती उसकी सेवा करती। उसने कभी उसे अंधा फील नहीं होने दिया। आंखे जाने के बाद भी दोनों की जिंदगी सामान्य तरीके से आगे बढ़ती रही।
समय गुजरता गया, चर्म रोग के कारण लड़की ने अपनी खूबसूरती खो दी। लड़की का पूरा शरीर और चेहरा धब्बों से भर गया। लेकिन अंधे पति को इस बारे में कुछ भी पता नहीं था। ऐसे में उनके खुशहाल जीवन पर कोई भी असर नहीं पड़ा। राजेश रेशमा को उसी तरह से प्यार करता रहा।
एक दिन रेशमा सब्जी लेने बाजार गई, तभी रोड़ एक्सीडेंट में उसकी मौत हो गई। अपनी पत्नी की मौत की खबर पाकर राजेश बहुत दुखी ही गया, उसने तय किया कि अब वह इस शहर में नहीं रहेगा और वापस अपने गांव चला जाएगा।
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पत्नी के लिए राजेश का त्याग
अंतिम संस्कार की क्रियाएं शुरू हुई, लोगों ने आना जाना शुरू किया। हर कोई राजेश को सांत्वना दे रहा था, और रेशमा के लिए शांति की दुआ कर रहा था। तभी एक व्यक्ति बोला, “अब तुम्हारी पत्नी नहीं है, तो तुम बिना सहारे के अकेले कैसे चल पाओगे? इतने साल तो रेशमा तुम्हारी मदद किया करती थी।
तभी राजेश ने जवाब दिया, “दोस्त! मैं अंधा नहीं हूँ! मैं बस अंधा होने का नाटक कर रहा था। मेरी पत्नी को। चर्म रोग था, उसे अगर पता चलता की। मैं उसकी बदसूरती को देख सकता हूं, तो अब तक वो अंदर ही अंदर घुटती रहती।
इसलिए मैंने इतने साल अंधे होने का दिखावा किया ताकि वो खुश रह सके। रेशमा बहुत ही अच्छी पत्नी थी, और अब वो हमेशा मेरे दिल में रहेगी।
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सीख :
सुखी दांपत्य जीवन जीना है, तो एक–दूसरे की। कमियों को नजरंदाज करना सीखना होगा। तभी आप अपनी जिंदगी को खुल कर जी पाओगे।
उम्मीद है पति पत्नी की। दिल को छू लेने वाली ये कहानी आपको पसंद आई होगी। इसी तरह के प्यार का अहसास करवाने वाली कहानियां पढ़ने के लिए हमारी Romantic Story In Hindi जरूर पढ़ें।
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